आने लगी गेहूं, चना, तिवरा, बटरी और तुअर की नई फसल
भाटापारा। श्री गणेश रबी फसल का। प्रतिस्पर्धी खरीदी के बीच जो सौदे हो रहें हैं, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में तेजी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। यह इसलिए क्योंकि मांगी जा रही मात्रा प्रांगण से पूरी नहीं हो रही है।
रबी फसलों में दलहन की चार प्रजातियों ने प्रांगण में दस्तक दे दी है। कमजोर आवक के बीच तेजी की धारणा लंबी अवधि तक बनी रहने की आशंका है क्योंकि दाल मिलों की रोजाना की जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं। यही वजह है कि प्रतिस्पर्धी खरीदी की स्थिति बनने लगी है, जिसे तेज भाव के रूप में देखा जा रहा है।

तुअर तेज, बटरी गर्म
नई फसल की कमजोर आवक के बीच जैसी मांग निकली हुई है, उसमें तुअर के तेवर देखते ही बन रहे हैं। दाल मिलों की खरीदी के बीच तुअर की नई फसल में सौदे 7500 से 8000 रुपए क्विंटल पर हो रहे हैं। कमोबेश बटरी में भी ऐसी ही स्थितियां देखी जा रही हैं। इसमें खरीदी 3300 से 3400 रुपए क्विंटल पर हो रही हैं। तिवरा ठीक पीछे चल रहा है, जिसमें लिवाली 3200 से 3250 रुपए क्विंटल पर निकल रही है।

चना स्थिर
दलहन की किस्मों में इस समय चना के भाव स्थिर बने हुए हैं। दाल मिलों की कमजोर लिवाली की वजह से नई फसल में सौदे 4600 से 4700 रुपए क्विंटल पर हो रहे हैं। मिलों ने मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने की स्थिति को देखते हुए निर्यातक राज्यों से खरीदी को प्राथमिकता दी हुई है। इसे भी चना में भाव के स्थिर रहने की बड़ी वजह माना जा रहा है।

राहत दे रहा गेहूं
गेहूं की नई फसल ने भी दस्तक दे दी है। आवक भले ही कमजोर मानी जा रही है लेकिन भाव टूटते नजर आ रहे हैं। यह उपभोक्ताओं के लिए राहत ही है क्योंकि अभी तक बाजार में गेहूं की उपलब्धता 3100 से 3200 रुपए क्विंटल में हो रही है। नई फसल में सौदे 2000 रुपये क्विंटल पर हो रहे हैं। खुले बाजार में पहुंचने से खुदरा बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगने की प्रबल संभावना है।