सामाजिक संस्था जनहित छत्तीसगढ़ विकास समिति बिलासपुर का डिजिटल आल के तहत युवा जागरूकता कार्यक्रम
रतनपुर. हमें पितृसत्तात्मक समाज मिला है बाहर के सारे काम पुरुषों को ही करने हैं संपत्ति पर सिर्फ उनका ही अधिकार है. हमारे दिमाग में डाला गया है कि महिलाओं का काम सिर्फ चुल्हे-चौका संभालना ही है. इस सोंच से हमें बाहर निकलना है. संविधान और कानून हमें समानता का अधिकार देता है. समाज में अपनी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. इसके लिए सबसे जरुरी चीज है ज्ञान जो हमे पढ़ाई से मिलेगी. हमें पढ़ना है अपने हक और अधिकारों को लेकर जागरूक होना है. इसे अपने जीवन में लागू करना है. यह बात अधिवक्ता गायत्री सुमन ने कही.
सामाजिक संस्था जनहित छत्तीसगढ़ विकास समिति बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने विश्व महिला दिवस के परिपेक्ष में कोटा ब्लॉक के ग्राम बैछाली खुर्द स्थित हाई स्कूल में डिजिटल आल के तहत युवा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. अधिवक्ता सुमन ने छात्राओं को कानूनी जानकारी देते कहा किशोर अवस्था बड़ी संवेदनशील होती है, यही समय बनने और बिगड़ने, दिग्भ्रमित करने की है. आप सकारात्मक सोंच और अच्छे विचारों के साथ बेहतर जीवन और समाज के लिए आगे बढ़े. आपके साथ लैंगिक भेदभाव हो, असामान्य व्यवहार हो तो इसके खिलाफ आवाज उठाएं. इसमें कानून भी आपकी मदद करेगा. ऐसे अपराधों की रोकथाम और अपराधियों को सजा दिलाने ही लैंगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम (पास्को एक्ट) बना है. कानून लोगों को संरक्षित कर अपराध करने से रोकता भी है. कार्यक्रम का संचालन रामलाल राज ने किया. इस मौके पर सरपंच अलका सहदेव राज. श्रीमती जायसवाल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं, छात्र छात्राएं मौजूद थे.

डिजिटल माध्यम अपनाएं
जनहित छत्तीसगढ़ विकास समिति के सचिव रोहित कुमार पाटिल ने कहा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तहत युवाओं में डिजिटल जागरूकता लाने के लिए यह आयोजन किया गया है .जहाँ भारत बसती है वो है गाँव. तकनीकी दृष्टि से गाँव के लोग भी साक्षर हों. शासन ने लोगों की सुविधाओं के विभिन्न नंबर जारी किया है इसका उपयोग करें. पहले रेडियो आया, फोन आया फिर टेलीविजन आया अब आपके हाथों में छोटा सा मोबाईल आ गया है जिससे आप पूरी दुनिया की खोज खबर कर सकते हैं. गाँव में डिजिटल माध्यम जितनी तेजी से उपयोग होगा उतनी ही तेजी से हमारे गाँव का विकास होगा.

पढ़ लिख कर अधिकारों को समझें
प्राचार्य गुलाब साहू ने कहा भारत गाँवों का देश है. गांवों में अशिक्षा है. इसके कारण महिलाएं अपने अधिकारों को समझ नहीं रही है. इसके कारण ही उन पर अत्याचार होते हैं. इसे दूर करने का सिर्फ एक ही उपाय है वो है शिक्षा. पढ लिख कर अपने अधिकारों को समझना है. हो रहे अन्याय और अत्याचार का विरोध करना है. विरोध नहीं कर पाने से ही अत्याचारियों के हौसले बढ़ते हैं वे शोषण करने लगते हैं. विनम्रतापूर्वक विरोध के भी सकारात्मक परिणाम आते हैं.