टमाटर, बैगन और कद्दूवर्गीय फसलें खतरे में
बिलासपुर। फिलहाल ठीक है लेकिन पारा, जैसा तेवर दिखा रहा है उससे टमाटर की फसल ले रहे किसान आशंकित हैं। यह इसलिए क्योंकि बढ़वार में हल्की कमी देखी जा रही है। यही स्थिति बैगन की फसल पर भी बनती नजर आती है।
पहले गेहूं, फिर आम। अब बारी है सब्जी फसलों की। बढ़ते तापमान की पहुंच, इस क्षेत्र में भी होने की खबर आ रही है। तैयार होती सब्जी फसलों के उत्पादन में गिरावट के आसार इसलिए बन रहे हैं क्योंकि ग्रोथ में हल्की कमी देखी जा रही। कमजोर उत्पादन की आशंका के बीच फिर से बोनी की तैयारी कमजोर होने लगी है।

रंग पर है नजर
टमाटर की फसल ले रहे किसानों की नजर तैयार हो रही फसल पर है। यदि पत्तियां कुम्हला रहीं हैं और टमाटर लाल ना होकर सफेद हो रहे हैं, तो तय माना जाता है कि टमाटर पर तापमान गहरा असर डाल चुका है। इसलिए किसानों की नजर फसल पर गंभीरता से है।

संकट के बादल बैगन पर
बैगन की सभी प्रजातियों पर भी तापमान गहरा असर दिखाएगा। यह पुष्पन के बाद कमजोर परागण और आगे चलकर टूटते उत्पादन के रूप में सामने आ सकता है। लिहाजा फसल बचाने की जुगत में हैं किसान। सब्जी वैज्ञानिकों का मानना है कि असर कद्दूवर्गीय फसलों में भी देखा जा सकता है।

अंकुरण होगा प्रभावित
सब्जी फसलों में रात का तापमान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अंकुरण के लिए रात का आदर्श तापमान 19 डिग्री सेल्सियस माना गया है लेकिन यह भी हल्की बढ़त लेता नजर आ रहा है। यदि यह आगे बढ़ा, तो अंकुरण का प्रतिशत कम होना तय है।
बढ़ता तापमान सब्जी फसलों के लिए सही नहीं है। विशेष तौर पर टमाटर, बैंगन और कद्दूवर्गीय सब्जी पर इसका असर ज्यादा होगा।
– डॉ जितेंद्र त्रिवेदी, प्रोफेसर (वेजिटेबल साइंस), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर