धूमधाम से मनाया बैरिस्टर ठाकुर छेदी लाल महाविद्यालय का स्थापना दिवस
बिलासपुर। 2001 में बैरिस्टर ठाकुर छेदी लाल महाविद्यालय स्थापना के पूर्व से कृषि केंद्र का गौरवशाली इतिहास रहा है । इन 21 वर्षों में महाविद्यालय ने कृषि शिक्षा में नए मुकाम हासिल किए हैं। यह बात मुख्य अतिथि विजय प्रताप सिंह, भूतपूर्व कमोडोर, नौसेना ने बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय के 21वें स्थापना दिवस समारोह में व्यक्त किया।

पूर्व कमोडोर विजय प्रताप सिंह ने बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को उनके आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की । उन्होंने कम समय में महाविद्यालय के विकास की सराहना की तथा आशा व्यक्त किया कि यह महाविद्यालय इस क्षेत्र में कृषि विकास एवं किसानों की उन्नति के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। शिक्षकों को स्नातक, स्नातकोत्तर शिक्षा के अलावा शोध उपाधि एवं रोजगारोन्मुखी कृषि शिक्षा देने पर जोर दिया एवं बी.एस.सी. कृषि अंतिम वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र -छात्रा को स्वर्ण पदक प्रदान करने की घोषणा की ।

डॉ. आर. के.एस. तिवारी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया । डॉ. तिवारी ने प्रतिवेदन का पठन किया गया।

विशिष्ट अतिथि माधुरी सिंह ने कहा कि भारतवर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है और कृषकों की मुख्य आय का साधन खेती है। मुझे यह जानकर हर्ष हो रहा है कि बिलासपुर स्थित कृषि महाविद्यालय द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्रों के युवाओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कर आत्म निर्भर बनाया जा रहा है। बी.एस.सी. कृषि चतुर्थ वर्ष के छात्र अंकित दुबे व दीप्ति बघेल ने अपने अनुभव साझा किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र बिलासपुर के प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारी छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स ने किया ।