ब्रह्माकुमारीज टिकरापारा में मना भाई-दूज व दीवाली स्नेह मिलन का आयोजन, छत्तीसगढ़ी में दिया व्याख्यान
बिलासपुर । भगवान हर संबंध से हमारा साथ निभाते हैं। आवश्यकता है उनसे अपना संबंध जोड़èने की ज्यादातर हम भक्त और भगवान के संबंध से उनको याद करते हैं। लेकिन यदि भगवान का साथ चाहिए तो हमें उन्हें माता, पिता, भाई, दोस्त, संतान, गुरू आदि सभी संबंध जोड़कर उन्हें याद करना होगा।
ये बातें ब्रह्माकुमारीज टिकरापारा सेवाकेन्द्र में ग्रामीणों के लिए आयोजित दीपावली व भाई-दूज स्नेह मिलन ग्रामीण साधकों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके मंजू ने कही। इस अवसर पर उन्होंने अपने अनुभव को भी साझा किया।
सहयोग शक्ति से होगी विश्व में शान्ति की स्थापना- सुश्री रूपा
इस अवसर पर दिपावाली के पांचों दिनों का महत्व छत्तीसगढ़ी भाषा में बताते हुए राजकिशोरनगर सेवाकेन्द्र प्रभारी सुश्री रूपा बहन ने कहा कि हम जो भगवान से कहते हैं तेरा तुझको अर्पण.. इसे सार्थक करना ही वास्तविक धनतेरस है। क्योंकि ये शब्द कहने को कह देते हैं , लेकिन मन के अंदर मैं पन बना रहता है। इसलिए सब कुछ भगवान का दिया हुआ मानकर चले तो चिता व तनाव से मुक्त रहेंग। इसी तरह उन्होंने नरक चौदस, दीवाली एवं गोवर्धन पूजा की विश्ोषता पर बताया कि, यह पर्व अहंकार न करने, नारी का सम्मान करने, अच्छी दृष्टि रखने व अच्छे कार्यों में सहयोग देने का संदेश देता है। सहयोग शक्ति से कलयुग रूपी दुख का पहाड़ उठ जाएगा और विश्व में शान्ति स्थापित हो जाएगी।
कार्यक्रम में सेवाकेन्द्र साधिका नीता के द्बारा ‘दीपावली मनाई सुहानी… पर जबकि गौरी के द्बारा आज उनसे मिलना है हमें…’ गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में सभी ग्रामीण साधको को तिलक लगाकर प्रसाद वितरण किया।