जमींदोज छप्पर और जर्जर दीवारों को रोशन करने बेतार बिजली देकर नौ साल से मृतक के नाम पर बिल भेज रहे अफसर


छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रतनपुर का कारनामा

बिलासपुर। ऐतिहासिक धरोहरों और भग्नावशेषों से समृद्ध रतनपुर राज अजूबों से समृद्ध है। अक्सर यहां अजब गजब वारदात और कारनामें देखते सुनने को मिलती रहती है। इस बार का अजब कारनामा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रतनपुर का सामने आया है। ये अजूबा है, भूत के बिजली उपभोग का, उपभोग एक दो दिन, हप्ते, महीना, दो महीना नहीं पूरे आठ-नौ साल से कर रहा। वो भी खुले आसमान के नीचे जमींदोज हो चुकी छप्पर, जर्जर दीवारें, बिना बल्ब और तार के। कन्फयूज मत होइए आप गलत नहीं पढ़, और समझ रहे, आप जो पढ़ और समझ रहे हैं, वो बिल्कुल “कका जिंदा हे” की तरह का ही खालिस सच है। बस फर्क इतना है कि यहाँ कागज पर रोशनी बिखेर रही बिजली करंट नहीं मारती, बल्कि भूत के जिन्दा परिजनों को हलाकान करती रहती है। चलिए अब ज्यादा माथा पच्ची में आपको नहीं उलझाते, आइए आपको सीधे ले चलते हैं भूत की ओर….!

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लाक में ग्राम पंचायत खैरखुण्डी में तरस राम भारद्वाज निवास करते थे मेहनत मजदूरी कर आजीविका चलाते थे। गरीबी रेखा की सर्वे सूची में उसका भी नाम था तो उसी कोटे से उसके मिट्‌टी के छप्पर वाले मकान को सरकार की ओर से एकल बत्ती की रोशनी मिली हुई थी। जिसका सर्विस क्रमांक 1003502322/33515073-01- 250160 है.


उसके आने वाले बिलों का भुगतान भी वे जीवित रहते समय पर कर दिया करते थे। 11 अक्टूबर 2013 को उनका देहावसान हो गया। उनकी मौत के कुछ समय बाद उसके परिजन भी जर्जर मकान को छोड़ कर गांव में दूसरी जगह घर बनाकर रहने चले गए। मौसम की मार से वीरान मिट्‌टी के मकान का छप्पर कुछ महीने में ही जमींदोज हो गया। बची रह गई जर्जर दीवारें, और भग्नावशेष, वहीं छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रतनपुर के दस्तावेज और उनके अधीनस्थ मीटर रीडरों की माने तो यहाँ अब भी कोई रहता है, जो बिना मीटर और सप्लाई तार के सरकारी कंपनी की बिजली खर्च कर जमींदोज हो चुके छप्पर, भग्नावशेष दीवारों को रोशन करता है। जिससे की छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रतनपुर की बिजली खर्च होती है, और इसका भुगतान स्वर्गीय तरस राम के परिजनों को करना चाहिए. शायद इसीलिए तरस राम की मृत्यु हो जाने और उनके नाम पर जारी कनेक्शन को निरस्त कर दिए जाने उनके परिजनों द्वारा दी जा रहा तहरीर को अफसर नहीं मान रहे.

लिखित अनुरोध भी नहीं मान रहे अफसर

मकान में बोर्ड के साथ सिर्फ एक बल्ब लगा था. शुरूआती दो सालों के बिजली के बिल तो बिना उपभोग के परिजन पटाते रहे। तरस राम भारद्वाज के बेटे रवि भारद्वाज के मुताबिक कनिष्ठ यंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रतनपुर में कई बार लिखित और मौखिक में बिजली का कनेक्शन निरस्त कर बिल नहीं भेजने का अनुरोध किया गया। इसके बाद भी अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। वहीं लिखित आवेदन करने पर भी कभी उसकी पावती नहीं दी गई। इसके बाद बिजली के उपभोग के बिना ही 03 सितम्बर 2015 को तीन सौ दस रूपए का अंतिम बार बिल भुगतान कर आने वाले बिजली के बिल का भुगतान बंद कर दिया। इसके बाद भी बिजली का बिल छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रतनपुर द्वारा लगातार भेजा जा रहा है।

अब स्पाट बिलिंग कर दे रहे बिल

अब तो स्पाट बिलींग भी शुरू हो गई है इसके बाद भी फर्जी बिल भेजे जाने की प्रक्रिया अब तक बंद नहीं की गई है। पहले जो प्रिंटेड बिल भेजे जा रहे थे उसमें मीटर का स्टेटस डिफेक्टिव बताकर औसत बिल भेजा जाता था। अब के स्पॉट बिल की प्रिंटेड कॉपी तो हमारे समझ से बाहर है। अब रिडिंग करने वाले किस स्पाट के मीटर के बिल रीडिंग कर रहें है ये बड़ा सवाल है।

मीटर रीडिंग की संख्या बढ़ाने का है पूरा खेल

जानकारों की माने तो अफसर पूरा गोलमाल ठेकेदारों से मिल कर मीटर रीडिंग की संख्या बढ़ाने के लिए करते हैं . छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित मीटरों की रीडिंग और बिजली के बिल बांटने का काम ठेके पर देकर ठेकेदारों के माध्यम से कराती है. एक मीटर की रीडिंग के लिए छह रुपए का भुगतान होता है. ऐसे में पूरा खेल मीटरों की संख्या बढ़ाने के लिए होता है.