पांच दिवसीय दीक्षारंभ प्रेरण कार्यक्रम का तीसरा दिन

बिलासपुर। किसी भी व्यक्ति को अगर अपनी क्षमताओं को विकसित करना है तो उसे सबसे पहले आत्म मूल्यांकन कर अपने कमजोरी की पहचान करनी होगी। शिक्षक माता-पिता एवं कक्षा में सर्वेक्षण कर यह कार्य पूर्ण कर सकता है। क्षमता विकास के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी के व्यक्तित्व का विकास कर, उसके लेखन एवं ग्रहणशील कौशल को निखारा जाए। यह बात डॉ. राजेश कुमार साहू ने कही।

बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में नई शिक्षा नीति – 2020 के अंतर्गत आयोजित पांच दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम 2024-25 के तृतीय दिवस के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. साहू ने 10-10 छात्रों का समूह बनाकर एक खेल के माध्यम से कौशल विकास का जीवंत प्रदर्शन द्वारा छात्र-छात्राओं को इससे अवगत कराया। परिचर्चा के दौरान प्रथम वर्ष के नव प्रवेशी छात्र रुद्र प्रताप सिंह ध्रुव, प्रणब दास, विजयलक्ष्मी सिंह, समीक्षा कुशवाहा, ओम बाजपेई, निशा पैकरा, स्तुति गुप्ता, राशि गुप्ता, देवेश कौशल एवं जिज्ञासु साहू की शंका का समाधान भी डॉ. साहू ने किया।

द्वितीय सत्र में डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न सम्मान से सम्मानित ग्राम रिस्दा के प्रगतिशील कृषक राघवेंद्र सिंह चंदेल ने कहा जब तक हम गुरु को गुरु के रूप में नहीं मानेंगे, तब तक हम जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर सकेंगे। हमेशा कठिन कार्य को चुने। अच्छा नंबर पाना जरूरी नहीं है, लेकिन अच्छा जानना आना चाहिए। माता-पिता का आशीर्वाद जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक है। सैद्धांतिक ज्ञान की अपेक्षा प्रायोगिक ज्ञान पर अपना ध्यान केंद्रित करें तभी आप जीवन में सफल हो पाएंगे। कृषि शिक्षा प्राप्त कर नौकरी चाहने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले।

वैज्ञानिक डॉ. दिनेश पांडे ने कहा शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए खेल सबसे अच्छा जरिया है। खेल तनाव और चिंता से मुक्ति प्रदान करता है। खेल खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छे अवसर प्रदान करता है। खेल हमें धैर्य, अनुशासन, समूह में कार्य करना, लगन और समय का महत्व सीखाता है। आपने छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय स्तर में आयोजित होने वाली अंतर महाविद्यालयीन क्रीडा स्पर्धा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

वैज्ञानिक अजीत विलियम्स ने राष्ट्रीय सेवा योजना की जानकारी देते कहा रासेयो का मुख्य लक्ष्य समाज सेवा के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास करना है। शिक्षा से समाज सेवा एवं समाज सेवा से शिक्षा, लोगों के साथ मिलकर कार्य करना, स्वयं को सृजनात्मक और रचनात्मक सामाजिक कार्यों में प्रवृत करना इसका मुख्य उद्देश्य है। छात्रों के आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाने और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में सांस्कृतिक कार्यक्रम मदद प्रदान करते हैं। यह गतिविधियां छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करती है, और उन्हें एक अच्छा करियर बनाने में सहायता करती है। वास्तव में, छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का भी लाभ उठा सकते हैं। दिसंबर माह में विश्वविद्यालय स्तर पर युवा महोत्सव मड़ई – 2024 प्रस्तावित है। अतः आप सभी छात्र -छात्राओं से अनुरोध है कि इस अवसर का लाभ उठाएं। आज के कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।