कराना होगा रजिस्ट्रेशन, मिलेगा नंबर
बलौदाबाजार। अब गीली दाल पीसने वाली दुकानों को भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होगा। ऐसे कारोबारी भी इस नियम के घेरे में आएंगे, जो धनकुट्टी, आटा चक्की,मसाला और तेल पिराई का काम कर रहे हैं।
अस्वच्छ माहौल, गुणवत्ता को लेकर बढ़ती लापरवाही और इसी अनुपात में शिकायतों का बढ़ते जाना। कुछ और व्यावहारिक समस्याओं का भी खुलासा हुआ है, खाद्य एवं औषधि प्रशासन की जांच में। इसे देखते हुए ऐसी संस्थानों को प्रशासन से रजिस्ट्रेशन नंबर लेना अनिवार्य किया जा चुका है। जागरूकता अभियान के बाद सघन जांच की योजना के संकेत मिल रहे हैं।
इसलिए अनिवार्य
सर्वाधिक गंदगी, धनकुट्टी में नजर आई। वायु का निकास मार्ग सुरक्षा मानक को पूरा करते नहीं मिले। मकड़ियों की जालियों का चौतरफा फैलाव। उपयोग की जा रही मशीनों का अस्वच्छ होना, ऐसी शिकायत आटा चक्कियों में भी मिली। कुछ ऐसा ही हाल गीली दाल और मसाला पीसने वाली दुकानों का भी देखा गया। बेहद अस्वच्छ थी तेल पिराई करने वाली जगह। ऐसे में तैयार की जा रही खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता प्रभावित होने का अंदेशा है।
सुरक्षा मानक का पालन अनिवार्य
बढ़ती जा रही लापरवाही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। इसलिए कार्यस्थल पर जरूरी सुरक्षा मानक का पालन अनिवार्य होगा। जिनमें खिड़कियों में एग्जॉस्ट फैन, कार्यरत कर्मचारियों के लिए ग्लव्स, मास्क और हेड कैप अनिवार्य होगा। कार्य के बाद संबंधित मशीनों और पात्र की सफाई तो करनी होगी, साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम भी करने होंगे। मालूम हो कि अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर व्यापक शिकायतें प्रमाणित हुई हैं।
पहले जागरूकता अभियान फिर जांच
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने नियम को प्रभावी बनाने के लिए सर्वप्रथम ऐसे कारोबारी क्षेत्र के बीच जागरूकता अभियान चलाने का निश्चय किया है। समझाइश और सलाह दी जाएगी कि नियमों के पालन से सभी के हित सुरक्षित रहेंगे। पर्व एवं त्यौहार के दिन करीब हैं। इसलिए खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता को लेकर अतिरिक्त सावधानी आवश्यक है।
धनकुट्टी, आटा चक्की, तेल पिराई और गीली दाल पीसने वाले कारोबारियों को खाद्य एवं औषधि प्रशासन से रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होगा। जांच से पहले जागरूकता अभियान चलाए जाने की योजना है।
– उमेश वर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बलौदा बाजार