सतीश अग्रवाल
रोकता है मिट्टी क्षरण, करता है जल और वायु को शुद्ध
बिलासपुर। समय की मांग है ऐसे पौधों के रोपण का, जो वायुमंडल की जहरीली गैस को सोखने की क्षमता रखते हैं। अवसर है ऐसे पौधे लगाने का, जो मिट्टी कटाव रोकते हैं। जी हां, यह जामुन का पेड़ है, जो ऐसी ताकत रखता है।। साल में केवल एक बार नजर आने वाला जामुन किसी परिचय का मोहताज नहीं है लेकिन इसके जो गुण सामने आ रहे हैं, उसने वानिकी वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है। ताजा रिसर्च में इसे जल शुद्ध करने वाला वृक्ष पाया गया है। इसलिए इस बार पौधरोपण योजना में जामुन के पौधे को अच्छी-खासी जगह मिल रही है। बता दें कि मुनगा के बाद जामुन के पौधे बड़ी संख्या में रोपण की योजना बन चुकी है।
पूरा पेड़ इसमें सक्षम
सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन। यह दो ऐसी जहरीली गैस है जो वायुमंडल में सक्रिय रहती हैं। इनसे बचने के लिए जिन वृक्षों को प्रभावी माना है उसमें जामुन को शिखर पर रखा गया है क्योंकि समूचा पेड़ इन दोनों जहरीली गैसों को खत्म कर ऑक्सीजन को शुद्ध करता हैं।
करता है जल को भी शुद्ध
सालों पुराने कुएं और बावड़ियों का पानी आज तक कैसे शुद्ध है ? इसकी जांच में जो खुलासा हुआ है ,उसके मुताबिक प्राचीन काल से ही कुएं और बावड़ियों की तल में जामुन की लकड़ियां रखने की परंपरा रही है। बताते चलें कि इस की लकड़ियों में, जल शुद्ध करने के तत्व भी मिले हैं।
रोकता है मिट्टी क्षरण
जामुन के पेड़ की गिनती ऐसे वृक्षों में भी की जाने लगी है, जिनकी जड़ें काफी गहराई तक जातीं हैं। इसकी वजह से यह मिट्टी को मजबूती के साथ रोक कर रखती है। इसलिए इसे नदी, तालाब और नालों के तटीय इलाकों में लगाने की अनुशंसा की जा चुकी है।
फल में यह गुण
जून-जुलाई में मिलने वाला जामुन के फल को अपने आप में कई घातक बीमारियों को समूल नष्ट करने में सक्षम पाया गया है। गुठली का पाउडर बनाकर नियमित सेवन से कैंसर और डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारी दूर की जा सकती है। इस काम में इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व सहायता करते हैं।
वर्जन
जामुन एक सदाबहार वृक्ष है, जिसके फल बैगनी रंग के होते हैंं। वृक्ष, वायुमंडल में उपस्थित जहरीली गैसों को अवशोषित कर शुद्ध प्राणवायु देता है। इसके अलावा दूषित कणों को जामुन का पेड़ ग्रहण करता है।
डॉ .अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ़ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन ,बिलासपुर।