सुबह से देर शाम तक आदिवासी युवती के रतनपुर थाने में बैठे रहने का क्या है राज….

भाजपा नेता पर सही है छेड़छाड़ का आरोप ?


रतनपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र चल रहा. कार्यपालिका और कानून का इकबाल पुलिस की नजर में कितना है इसकी तस्वीर सोमवार को बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना परिसर में नजर आया. कथित छेड़छाड़ की शिकार पीड़ित युवती थाने की दहलीज पर बैठी नाक रगड़ती बैठी रही. उधर पुलिस की “नाक सवा हाथ लंबी ” होती नजर आने लगी. मामला भाजपा के रसूखदार नेता से जुड़ा है. कहा जा रहा है पीड़ित युवती मिन्नत करती रही पुलिस टालमटोल करती रही.

मिली जानकारी के मुताबिक रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाके की युवती रतनपुर में ही एक भाजपा नेता के आफिस और कभी कभार घर का घरेलू काम किया करती थी. भाजपा नेता के घर के करीब ही वह किराये के मकान पर रहती थी. सोमवार की सुबह वो रतनपुर थाना पहुंची. जहाँ उसने थाना प्रभारी प्रसाद सिन्हा से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई . मिली जानकारी के मुताबिक युवती ने भाजपा नेता के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. आरोपी के द्वारा देर रात तक वाट्सऐप पर मैसेज भेजकर चेट करने की भी जानकारी मिली है. आरोप का सच क्या है? पुलिस की जांच में ही सामने आ सकता है. इसके लिए जरूरी है पुलिस का एफआईआर दर्ज करना. थाना परिसर में युवती को बैठे सुबह से शाम हो गई. रात घिर आई, पर पुलिस की रजिस्टर में एफआईआर की तहरीर नहीं उतर पाई. पुलिस अपराध दर्ज करने टालमटोल करती नजर आई. देर रात तक इस मामले में अपराध दर्ज नहीं किया गया था.

बिजली बंद होने के कारण अपराध दर्ज नहीं

इस मामले पर थाना प्रभारी प्रसाद सिन्हा से पूछा गया तो उन्होंने कहा छेड़छाड़ का मामला है दिन भर बिजली बंद होने के कारण अपराध दर्ज नहीं किया जा सका है. युवती का बयान लिया जा रहा है.

थाने के “हरिराम” रहे सक्रिय

भाजपा नेता के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत करने युवती के थाने आने के खबर थाने के “हरिराम” ने आरोपी तक पहुँचा दी. इसके बाद बचाव में लोगों की पैरवी शुरू हो गई. छेड़छाड़ का अपराध दर्ज होने से रोकने भाजपा-कांग्रेस के नेताओं की ओर से पहल होती दिखी. कई नेता और “हरिराम” की कई दौर की चर्चाएं होने की बात कही गई है. एक नेता के तो समझौता कराने पीड़ित के माता पिता को समझाकर ले आने की बात जा रही है. सच क्या है रतनपुर थाना पुलिस ही बता सकती है. सवाल ये है कि पीड़िता को पूरा दिन और पूरी शाम पुलिस ने अपनी “संवेदना” पर क्यों बिठाये रखी. पुलिस की संवेदना ईंट-गारे के भवन से एफआईआर की तहरीर पर क्यों नहीं उतरी….?