मुख्यमंत्री के सलाहकार ने अरपा नदी के विकास और उत्थान में कृषि की संभावनाओं पर वैज्ञानिकों की बैठक
बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि, योजना नीति और ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा ने अरपा नदी के रिवाइवल के लिए इसके केचमेंट एरिया के प्रत्येक गांव एवं उसमें निवास करने वाले ग्रामीण जन के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमें कार्य करना है। अरपा नदी बिलासपुर शहर सहित जिले की विकास रेखा है । विभिन्न कारणों से यह प्रदूषित होकर इसकी धारा कमजोर हुई है। सबसे ज्यादा जरूरत केचमेंट एरिया के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है।
श्री शर्मा ने अरपा नदी के विकास और उत्थान में कृषि की संभावनाओं पर बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में कृषि वैज्ञानिकों की बैठक ली ।
सलाहकार शर्मा ने अरपा विकास प्राधिकरण के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन में कृषि वैज्ञानिकों को कार्य योजना अनुरूप अनुसंधान प्रस्ताव बनाने हेतु निर्देशित किया ।

श्री शर्मा ने कहा अरपा नदी केवल बिलासपुर शहर के लिए ही नहीं बल्कि 4 जिलों में 3600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है । नदी के उद्गम से लेकर संगम दोमुहानी तक संपूर्ण विकास हमारा लक्ष्य है ताकि पानी स्वच्छ एवं बारह महीने रहे तथा खेती कर लोग अपना जीवन स्तर ऊपर उठा सकें । उन्होंने कहा कि यह सब के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय होना चाहिए । इसके लिए नदी किनारे कछारी क्षेत्र के उपजाऊ जमीन में भूमिहीन किसानों को सब्जी की खेती, मिश्रित पौधरोपण, फलदार वृक्षों को लगाने के लिए प्रेरित करना होगा । वही नाले के किनारों में अरहर, मूंग, रागी एवं अलसी आवश्यकता अनुरूप अंतवर्ती फसल लेने हेतु कार्य योजना बनाएं तथा जलग्रहण क्षेत्र में वनस्पति विकास पर ध्यान देते हुए वनस्पति आवास में क्यों परिवर्तन हो रहा है उसके कारणों का अध्ययन करें । सस्यक्रम योजना एवं फसल प्रणाली के अनुरूप फसलों का चयन कर किसानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का कार्य करें एवं औषधीय फसलों की खेती की संभावना को भी तलाशे अरपा बेसिन का क्षेत्र मिलेटस की खेती के लिए उपयुक्त है वैज्ञानिक इसके लिए कार्य योजना बनाएं ।

अधिष्ठाता डॉ. आर. के. एस. तिवारी ने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में किए जा रहे अनुसंधान, विस्तार एवं शिक्षण गतिविधियों की जानकारी। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र तथा कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के समस्त प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे ।