गुड़ाखू, सिगरेट, बीड़ी में तेजी चौथे दिन भी बनी रही

भाटापारा। हैरान और परेशान होने की अब बारी है, तेल बाजार की। सप्लाई कम और मांग ज्यादा होने से कीमत प्रति टीन 100 से 150 रुपए बढ़ चुकी है। गुड़, शक्कर में भाव स्थिर बने हुए हैं लेकिन गुड़ाखू, पान मसाला, सिगरेट और बीड़ी में तेजी चौथे दिन भी बनी रही।

लॉकडाउन महज अफवाह है। प्रशासन की यह बात भी, दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों की बढ़ती कीमत पर रोक नहीं लगा पा रही है। नियंत्रण से बाहर हो चुका बाजार, अब खाद्य तेल की कीमत बढ़ा चुका है। सिगरेट और बीड़ी की कीमत भी बढ़त लेने लगी है। जिस कीमत पर यह तीनों उपलब्ध हो रहीं हैं, वह जमाखोरी को ही प्रमाणित करती नजर आती है।

ऑन में खाद्य तेल

शादी-ब्याह के सीजन की मांग तेल बाजार में पहुंच चुकी है लेकिन मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं है। चुनिंदा ब्रांड की खरीदी के लिए जो रकम ली जा रही है, वह परेशान करने वाली है। नाइट कर्फ्यू जैसे आदेश के पहले 2080 रुपए में मिल रहा सोयाबीन का तेल, अब 2250 में मिल रहा है। सबसे ज्यादा बिकने वाला राइस ब्रान तेल अब 2,000 नहीं, 2100 रुपए में मिल रहा है। मूंगफली, सरसों और वनस्पति पहले से ही उबल रहे हैं।गुड़ाखू में बनी हुई है गर्मी

गुड़ाखू में बनी हुई है गर्मी

लॉक डाउन की अफवाह के बीच बाजार को तो मानो मौका ही मिला हुआ है। प्रशासनिक सुस्ती इस कदर छाई हुई है कि, चौथे दिन भी इसमें गर्मी बनी रही। छोटे पैक जहां 15 से 20 रुपए में मिल रहे हैं तो बड़े पैक की उपलब्धता के लिए 60 से 70 रुपए लिए जाने की भी खबर आने लगीं है।

मौका इनको भी

सिगरेट ,बीड़ी और तंबाकू के लिए भी मौका सही लग रहा है। लिहाजा इसके पैक भी महंगे हो चले हैं। बड़े पैक के बाद नग के हिसाब से खरीदी के लिए उपभोक्ताओं से जो कीमत ली जा रही है वह होश उड़ाने के लिए काफी है। निगरानी और कार्रवाई से यह क्षेत्र अब भी बाहर ही है। इसलिए जरूरत देखकर कीमत लिए जाने की खबर है।

इसलिए आ रही तेजी

खाद्य तेल यूनिटों में कमजोर उत्पादन और भरपूर मांग की वजह से सप्लाई लाइन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चली है। इधर शादी और विवाह की तारीखें भी आ चुकीं हैं। लॉक डाउन की अफवाह के बीच खरीदी की मात्रा दोगुनी हो चली है। रही-सही कसर नाईट कर्फ्यू जैसी व्यवस्था पूरी कर रही है क्योंकि मांग के अनुरूप लोडिंग में दिक्कत आ रही है।