कीमत नहीं वजन घटाया
भाटापारा। वजन घटाया लेकिन कीमत कम नहीं की। इसके बावजूद केक में मांग का स्तर बराबर बना हुआ है क्योंकि सीजन ने दस्तक दे दी है। इसलिए केक बनाने वाली ईकाइयों ने अग्रिम तैयारी चालू कर दी हैं।
वैसे तो पूरे साल बनाए और बेचे जाते हैं केक लेकिन नवंबर- दिसंबर का महीना केक का सीजन वाला माह माना जाता है। सो इकाइयों में जोर- शोर से काम चल रहा है। साथ ही आर्डर और सप्लाई भी जोरों पर है। लेकिन विदा लेता साल, केक विक्रेता संस्थानों को इसलिए चिंता में डाल रहा है क्योंकि इकाइयों ने कीमत तो बढ़ा रखी है लेकिन वजन घटा दी है।

कीमत जस-की-तस
केक बनाने वाली सामग्रियों की कीमत में इजाफा होने की वजह से इकाइयों ने आकार तो छोटा किया ही है, साथ ही वजन भी घटा दिया है जबकि कीमत पूर्ववत् स्तर पर अपनी जगह पर कायम है। चूंकि खरीदी के दौरान इसका वजन नहीं किया जाता है, इसलिए इस ‘व्यवस्था’ का पूरा फायदा केक बनाने वाली ईकाइयां उठा रहीं हैं।

मांग इसमें ज्यादा
खूब बनाए और खरीदे जाते हैं दो पॉऊंड वजन वाले केक। लोकल लेबल पर इसकी कीमत इस समय 100 से 150 रुपए बोली जा रही है जबकि ब्रांडेड केक 200 से 400 रुपए पर मजबूत है। वजन और आकार इसमें भी कम किए जाने की जानकारी आ रहीं हैं लेकिन निर्माण ईकाइयां खुदरा विक्रेताओं की शिकायतों पर चुप्पी साधी हुईं हैं।

सीजन ने दी दस्तक
पूरे साल मांग में रहने वाला केक नवंबर और दिसंबर माह में इसलिए खास हो जाता है क्योंकि नए साल का जश्न और दीगर आयोजन इन महीनों में अपेक्षाकृत ज्यादा होते हैं। इनमें केक का होना एक तरह से अनिवार्य जैसा होता है। निर्माण ईकाइयां इसे माकूल मौका इसलिए मान रही है क्योंकि नई ‘व्यवस्था’ स्वीकार कर लिए जाने के बाद पूरे साल इसके तहत कारोबार किया जा सकेगा।