धूमधाम से मनाया गया 22 वां स्थापना दिवस
बिलासपुर। सन 2001 में महाविद्यालय स्थापना के पहले से इस केंद्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। इन 22 वर्षों में महाविद्यालय ने कृषि शिक्षा में नए मुकाम हासिल किए हैं। यह बात मुख्य अतिथि विजय प्रताप सिंह, भूतपूर्व कमोडोर, भारतीय नौसेना ने बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर के 22 वें स्थापना दिवस समारोह में कहीं
बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को उनके आदर्शों को आत्मसात करने अपील की। कम समय में महाविद्यालय के विकास की सराहना कर आशा व्यक्त किया कि महाविद्यालय क्षेत्र में कृषि विकास एवं किसानों की उन्नति के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। शिक्षकों को स्नातक, स्नातकोत्तर शिक्षा के अलावा शोध उपाधि एवं रोजगारोन्मुखी कृषि शिक्षा देने पर जोर दिया एवं बी.एस.सी. एवं एम.एस.सी. कृषि अंतिम वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र -छात्रा को स्वर्ण पदक प्रदान करने की घोषणा की। कृषि महाविद्यालय के 22 वे स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा एवं बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डॉ. एन.के. चौरे, प्रमुख वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय द्वारा अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया । स्वागत उद्बोधन में डॉ. चौरे द्वारा महाविद्यालय के प्रतिवेदन का पठन किया गया।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि माधुरी सिंह ने कहा भारतवर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है और कृषकों की मुख्य आय का साधन खेती है। मुझे यह जानकर हर्ष हो रहा है की बिलासपुर स्थित कृषि महाविद्यालय द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्रों के युवाओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कर आत्म निर्भर बनाया जा रहा है। एम.एस.सी. कृषि अंतिम वर्ष के छात्र गेंदलाल वर्मा व अभिलाषा बाखला ने भी अपने अनुभव साझा किया। छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर अतिथियों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारियों के साथ छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स ने किया।