हलषष्ठी के लिए बाजार हो रहा तैयार
भाटापारा। पसहर चावल 100 से 120 रुपए किलो। चना और लाई में भी गर्मी आने लगी है। अब बारी है भैंस का दूध, दही और घी की। जिसकी दरों की प्रतीक्षा की जा रही है। वैसे डेयरियों का अनुमान है कि कीमत, क्रय शक्ति के भीतर ही रहेगी।
हलषष्ठी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरी सामग्रियों ने दस्तक दे दी है। पहला नाम पसहर चावल का है, जिसकी कीमत हर क्षेत्र में अलग-अलग चल रही है। इसी तरह पूजा में लगने वाले मिट्टी के पात्र की कीमत उपभोक्ता रुझान को देखते हुए ही बताए जा रहे हैं। कच्ची सामग्रियों में उपवास के दौरान सेवन की जाने वाली सब्जियों में विशेष प्रजाति की भाजी भी गर्म हो चली है।
पसहर एक, भाव अनेक
हलषष्ठी पर विशेष महत्व होता है पसहर चावल का। अपने आप तैयार होने वाली धान की इस प्रजाति का चावल 80 से 100 रुपए किलो की दर पर खरीदा जा रहा है। आउटर एरिया में 120 से 140 रुपए किलो तक में बेचा जा रहा है। मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बना हुआ है, इसलिए चल रही कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।

इसकी तैयारी
हलषष्ठी पर विशेष महत्व रहता है भैंस के दूध, दही और घी का। ग्वालों को डेयरियों ने संभावित मात्रा की आपूर्ति के लिए सूचना दे दी है लेकिन कीमत को लेकर उहापोह की स्थिति देखी जा रही है क्योंकि ग्वालों ने दरों का खुलासा नहीं किया है। खासकर घी की कीमत ओपन नहीं की है। इसलिए पूछ-परख में बीते साल से 10 से 15 रुपए ज्यादा बताए जा रहे हैं।

गर्म होने लगा चना
फूटा चना और लाई। ग्रामीण मांग निकलते ही इन दोनों में गर्मी का आना चालू हो चुका है। खुदरा बाजार में खरीदी करने पर चना 80 से 100 रुपए किलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है, तो लाई में 60, 70 और 80 रुपए किलो के भाव बोले जाने लगे हैं। लाई में तेजी के आसार बने हुए हैं क्योंकि बनाने वाली इकाइयां बेहद कम हैं।

मिट्टी के पात्र और भाजी तेज
पूजा पर मिट्टी के पात्र की जरूरत होती है। कुम्हारों ने इसकी कीमत बढ़ा दी है। दीया और चुकिया के लिए 20 से 25 रुपए प्रति दर्जन की खरीदी पर देने होंगे। इधर सब्जी विक्रेताओं ने हलषष्ठी पर सेवन किए जाने वाली भाजी की विशेष किस्मों में तेजी की आशंका अभी से जाहिर कर दी है। याने हलषष्ठी पर उपयोग की जाने वाली सामग्री तेजी के बीच ही खरीदी जा सकेंगी।