कीमत में आंशिक बढ़ोतरी

भाटापारा । आंशिक बढ़ोतरी के बाद इस बार भी स्टेशनरी दुकानों में बेहतर मांग निकली हुई है, तिरंगा की। यह जरूर है कि खादी के तिरंगे में मांग अपेक्षाकृत कमजोर है लेकिन कॉटन के तिरंगे इसकी भरपाई करेंगे। यह भरोसा है स्टेशनरी दुकानों को क्योंकि कीमत क्रय शक्ति के भीतर ही है।

“हर घर तिरंगा”, इस स्लोगन के साथ तिरंगा का बाजार सज चुका है। खरीदी का किया जाना भी गति लेने लगा है। पांच दिन का यह बाजार इस बरस बेहतर मांग की आस में है क्योंकि होलसेल मार्केट के अनुसार मांग में 25 से 30% की वृद्धि हो चुकी है।

होलसेल पूरा, बारी रिटेल की

“हर घर तिरंगा’, अभियान को देखते हुए इस बरस होलसेल मार्केट ने करीब माह भर पहले से ही तैयारी चालू कर दी थी कि ऑर्डर बुक करवा लें। योजना कम आई। अब रिटेल काउंटरों की आपूर्ति पूरी की जा चुकी है। यानी बारी अब रिटेल काउंटर की है।

तिरंगा इस दर पर

शैक्षणिक संस्थानों और शासकीय प्रतिष्ठानों के साथ निजी क्षेत्र के लिए तिरंगे 50 रुपए से लेकर 800 रुपए तक में लिए जा सकेंगे। कॉटन के यह तिरंगे डिमांड में बने हुए हैं। पेपर तिरंगा 10 रुपए प्रति नग। हेड कैप 5 से 8 रुपए। इसमें बीते साल दर थी 3 रुपए प्रति नग। बाइक व साइकिल में लगाए जाने वाले तिरंगे की खरीदी पर भी इतने ही पैसे देने होंगे। मीडियम साइज वाले क्लॉथ तिरंगे के लिए 120 रुपए की जगह, इस वर्ष 160 रुपए लगेंगे।

अब पांच दिवस

कारोबार के दिवस यथावत हैं। बढ़त की संभावना इसलिए है क्योंकि कई तरह के तिरंगे, ना केवल आ चुके हैं बल्कि मांग भी बढ़ रही है। हेड कैप, हैंड बैंड और बैच जैसे तिरंगे मुख्य हैं। कुछ वैरायटी और आने को हैं। इसमें बच्चों की पसंद वाले तिरंगे भी होंगे।

बेहतर है

स्वतंत्रता दिवस पर वैसे भी तिरंगा की खरीदी रहती आई है लेकिन इस बार हर घर तिरंगा अभियान से बढ़त की ओर है, तिरंगा का बाजार।
– हेमंत देवांगन, कुणाल स्टेशनरी, भाटापारा