बलौदा बाजार। तगड़ी जांच के घेरे में अब किसान और परस कृषि केंद्र आए। लापरवाही चरम पर थी। नियमों के परिपालन में कोताही बरते जाने पर दोनों संस्थानों को सील कर दिया गया। अब दोनों को कारण बताना होगा कि समझाइश और सलाह के बावजूद यह गलती क्यों की ?
कीटनाशक और उर्वरक विक्रय के लिए बनाए गए नियमों के पालन में कोताही, अब संस्थानों को भारी पड़ने लगी है। हद तो यह कि लगातार कार्रवाई के बावजूद संस्थानें कार्यशैली में बदलाव नहीं ला पा रहीं हैं। लिहाजा नियमों के तहत अंतिम उपाय पर कृषि विभाग काम करने लगा है। अब देखना है कि संस्थानें खुद में कितना सुधार ला पाएंगी।
जांच किसान और परस में
गिरौधपुरी। कसडोल विकासखंड के इस गांव में उर्वरक और कीटनाशक विक्रय करने वाली अनेक संस्थानें हैं लेकिन किसान कृषि केंद्र और परस कृषि केंद्र की शिकायत लगातार मिल रही थी। पुख्ता जानकारी जुटाए जाने के बाद कीटनाशक निरीक्षक धनेश्वर साय ने सूक्ष्मता के साथ जांच की। स्कंध पंजी का संधारण, मूल्य सूची का प्रदर्शन तो था ही नहीं। कीटनाशक का विक्रय भी बगैर बिल के किया जाना पाया गया।

कारण बताओ नोटिस और संस्थान सील
कीटनाशक निरीक्षक धनेश्वर साय ने किसान कृषि केंद्र और परस कृषि केंद्र को कीटनाशक अधिनियम 1971 के नियम क्रमांक 10/4, 10-डी एवं 15 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संस्थान को सील कर दिया। विभाग ने संकेत दिए हैं कि औचक जांच की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।