बढ़ाएगा ऑक्सीजन लेबल



सतीश अग्रवाल

बिलासपुर। अपने मेडिशनल प्रॉपर्टीज के लिए किसी पहचान का मोहताज नहीं है पीपल। यह भरपूर ऑक्सीजन तो देता ही है, साथ ही इसका हर हिस्सा, कई बीमारी दूर करने में सक्षम है। कोरोना काल में जो बीमारियां, मजबूत कारण बन रही थी, उनको समूल नष्ट करने में इसे सक्षम माना जा रहा है।

आस्था का केंद्र बिंदु और भूजल स्रोत बढ़ाने में सहायक माना जा चुका पीपल, अब तेजी से औषधीय निर्माण इकाइयों तक अपनी जड़ें फैलाता नजर आने लगा है। शुद्ध प्राणवायु देने वाला पीपल अपने पत्तों में छिपे बेहद महत्वपूर्ण गुणों के साथ मौजूद हो रहा है उन मरीजों के सामने, जो इस समय कई स्वास्थ्यगत परेशानियों से जूझ रहे हैं और पहुंच रहे हैं अस्पताल। जहां ऐसी सभी बीमारियों से निजात मिल सके।

दो पत्तियां, नौ मेडिशनल प्रॉपर्टीज

वानिकी वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में मिली सफलता को साझा करते हुए बताया है कि पीपल की पत्तियों में 9 किस्म के मेडिशनल प्रॉपर्टीज मिले हैं। मॉइश्चर कंटेंट, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और कॉपर। यह वे महत्वपूर्ण तत्व हैं, जिनकी मदद से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है।

यह समस्या होगी दूर

कोरोना काल में ऑक्सीजन लेबल को सामान्य स्तर पर बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा था। पीपल के 2 पत्ते पीसकर सेवन करने से फेफड़े में आई सूजन खत्म की जा सकती है। घबराहट और सांस लेने में दिक्कत तो दूर होगी ही, साथ ही खांसी और सीने में जकड़़न जैसी परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

लीवर मजबूत और कफ खत्म

दो पत्तियों का अर्क बनाकर नियमित सेवन से लीवर को मजबूत किया जा सकता है। वानिकी वैज्ञानिकों के मुताबिक पत्तियों में थेरेमेटिन नामक तत्व के होने की वजह से इसका जूस बनाया जा सकता है। मानक मात्रा में नियमित सेवन से कफ दूर करने में भी सहायक होने की जानकारी सामने आई है।

बढ़ाएगा इम्यूनिटी

पीपल की पत्तियों के साथ यदि गिलोय का तना मिलाकर, पाउडर या पेस्ट बनाकर सेवन किए जाने से इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए दिन में तीन या चार बार सेवन किया जाना होगा, याने पीपल का हर भाग, अलग अलग गुणों का खजाना समेटे हुए हैं

बहुमूल्य वृक्ष

पीपल की पत्तियों में 9 प्रकार के मेडिशनल प्रॉपर्टीज मिले हैं। इनकी मदद से चार किस्म की स्वास्थ्यगत परेशानी दूर की जा सकती है। सेवन के पहले चिकित्सकीय परामर्श का लेना अनिवार्य होगा।

अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर