धान किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह


बिलासपुर। कीट प्रकोप की आशंका फिलहाल नहीं है लेकिन निगरानी बढ़ाएं और जल निकास की व्यवस्था पुख्ता रखें। धान की फसल ले रहे किसानों को यह सलाह कृषि वैज्ञानिकों ने दी है।

अनवरत बारिश का दौर जारी है। खेत लबालब हो चले हैं। खतरे की आगत संभावना को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने कुछ जरूरी सुझाव को अमल में लाने का आग्रह किया है ताकि नुकसान से बचा जा सके। यह भी स्पष्ट किया है कि कीट प्रकोप जैसी आशंका फिलहाल नहीं है।

जलजमाव नहीं होने दें

भरपूर बारिश से खेतों में जलजमाव का बढ़ रहा है। इसलिए मानक मात्रा में रखकर, शेष पानी की निकासी होने दें। सतत निगरानी और प्रबंधन इस काम में बेहद अहम है। ध्यान रखें कि पौधे डूब ना जाएं। इसलिए पानी प्रवाह होने वाले द्वार खुले रखने होंगे।

आशंका कीट प्रकोप की नहीं

धान के पौधे इस समय बाल्यावस्था में हैं। किसान वैसे भी नजर में रखे हुए हैं। इसके अलावा शत्रु कीट के लिए मौसम भी नहीं है। इसलिए कीट प्रकोप की आशंका फिलहाल नहीं है लेकिन सावधानी रखनी होगी और मॉनिटरिंग का किया जाना अनिवार्य होगा।

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वर्षा जल आधारित क्षेत्र में विलंब से बोनी की गई है। इसलिए अंकुरण के बाद से हो रही बारिश की वजह से जहां बीज खराब हो चुके हैं, वहां फिर से बोनी की तैयारी है। हालांकि ऐसे क्षेत्र बहुत सीमित हैं। ऐसे किसानों को शीघ्र तैयार होने वाले धान बीज की बोनी को प्राथमिकता देनी होगी।



कीट प्रकोप की आशंका फिलहाल नहीं है लेकिन मानक मात्रा में पानी रखकर शेष मात्रा की निकासी होने दें। निगरानी बढ़ानी होगी। देखना होगा कि जलजमाव जैसी स्थिति ना बने।

डॉ. एस.आर.पटेल, रिटायर्ड साइंटिस्ट (एग्रोनॉमी), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर