जल निकास प्रबंधन रखें चुस्त

बिलासपुर। तैयार रहें सब्जी की कीमतों में बेतहाशा तेजी का सामना करने के लिए। भिंडी और ग्वारफली तो खुद को बचा ले जाएंगे लेकिन शेष सब्जियों के जीवन पर खत्म होने का खतरा करीब पहुंच चुका है।

परेशान कर रहा टमाटर। अब भाजी फसलों की बारी है क्योंकि फफूंदजनित बीमारियां दस्तक देने के लिए तैयार हैं। बीते एक सप्ताह से मौसम का जैसा रुख बना हुआ है, उससे सब्जी उत्पादक किसान हताश होने लगे हैं क्योंकि लगातार बारिश से हर काम बंद है।

खतरे में जीवन

भाजी फसलों पर फफूंदजनित रोग का हमला तय है। कोमल होती हैं, इसलिए आसान शिकार बनती हैं। मौसम जैसा बना हुआ है, उससे पालक, मेथी और लाल भाजी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। कमोबेश भाजी की अन्य प्रजातियों की भी स्थिति ऐसी ही होनी तय है।

बीमारी इनमें निश्चित

पत्ता गोभी, फूलगोभी, नवल गोभी, बैंगन और टमाटर सहित दूसरी सब्जियों में बीमारी का प्रकोप बढ़ने की प्रबल आशंका है। बेल वाली सब्जियों में सिंचाई के लिए बनाई गई नालियों में जलजमाव बना रहा, तो यह भी नुकसानदेह होगा लिहाजा जल निकास की व्यवस्था फौरन करनी होगी।

केवल भिंडी और ग्वार फली

सब्जी की फसलों में केवल भिंडी और ग्वार फली ऐसे प्रजाति है जिनमें ऐसी प्रतिकूल स्थिति का सामना करने की क्षमता होती है। यह दोनों तो खुद को बचा ले जाएंगे लेकिन अन्य फसलों पर बीमारी की दस्तक तय मानी जा रही है।

तैयारी करें

सब्जी की खेती कर रहे किसानों को सब्जी वैज्ञानिकों को फिर से बोनी की तैयारी करने की सलाह दी है क्योंकि बची हुई फसलों की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर की पूरी आशंका है। बीज चयन में ऐसी फसल को प्राथमिकता दें, जो अल्प समय में तैयार हो जाती हैं।

बढ़ेंगी बीमारियां

भाजी फसलों पर खतरा सबसे ज्यादा है। भिंडी और ग्वार फली को छोड़कर शेष सभी सब्जियों में बीमारी का प्रकोप तय है। इसलिए मौसम को देखते हुए दोबारा बोनी की तैयारी रखनी होगी।

डॉ.अमित दीक्षित, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, दुर्ग