चार राज्यों में सफलता के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी
सतीश अग्रवाल
बिलासपुर। बेहद अनोखा इसलिए है क्योंकि एग्रोफारेस्ट्री प्रजाति का यह वृक्ष 3 से 8 साल की उम्र में 30 से 35 फीट की ऊंचाई हासिल कर लेता है। देश के 4 राज्यों में सफल पौध रोपण के बाद इसके पौधे अब छत्तीसगढ़ में भी मिलने लगे हैं।
पौधरोपण का सिलसिला जारी है। तटीय क्षेत्रों के साथ खुली जगहों पर भी पौधरोपण किया जा रहा है। पहली बार वन विभाग की रोपणियों और निजी क्षेत्र की नर्सरियों में मिलिया-दुबिया नाम के पौधे की मांग जिस गति से बढ़ रही है उससे उपलब्धता सुनिश्चित करवाने वाले यह दोनों क्षेत्र हैरत में हैं।

3 साल में 30 फीट
मिलिया- दुबिया एकमात्र ऐसी प्रजाति है, जिसमें सबसे तेज बढ़वार पाई गई है। 30 से 35 डिग्री सेल्सियस जैसे मानक तापमान पर यह प्रजाति 3 से 8 साल की छोटी सी उम्र में 30 से 35 फीट की ऊंचाई हासिल कर लेती है। इसलिए मिलिया-दुबिया को दुनिया का सबसे तेज बढ़ने वाला वृक्ष माना गया है।

पत्तियों से कीटनाशक
नीम की पत्तियों से मिलती-जुलती हैं मिलिया-दुबिया की पत्तियां। महत्व इसी से जाना जा सकता है कि मानव और मवेशियों में संक्रमण को पत्तियों से रोका जा सकता है। पशु आहार के काम आने वाली पत्तियां फसलों में कीट प्रकोप को भी खत्म करतीं हैं। यही वजह है कि मेड़ों में रोपण की सलाह दी जा रही है।

लकड़ियों से यह सामग्री
मिलिया-दुबिया के परिपक्वता अवधि पूर्ण कर लेने के बाद इसकी लकड़ियों से पैकिंग बॉक्स, सिगार बॉक्स, कृषि उपकरण, पेंसिल, माचिस बॉक्स, टी बॉक्स, वाद्ययंत्र और नाव के आउट रिगर बनाए जाते हैं। कृषि उपकरण भी इस प्रजाति की लकड़ियों से बनाए जा रहे हैं।

यहां सफल
तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सफल रोपण के बाद अपेक्षित परिणाम मिलने लगे हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ की निजी नर्सरियों और वन विभाग की रोपणियों में मिलिया-दुबिया के पौधे तैयार किए जा रहे हैं क्योंकि मांग क्षेत्र लगातार बढ़त ले रहा है।

गुणों की खान
औषधीय गुणों से भरपूर मिलिया दुबिया 15-18 वर्षों में 10-12 मीटर साफ तने और 120-150 सेंटीमीटर परिधि के साथ 20-25 मीटर ऊंचाई तक बढ़ता हैl इसकी छाल चिकनी, युवा होने पर हरी और परिपक्व होने पर गहरे भूरे रंग की हो जाती हैl
अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर