रतनपुर थाने के पास्को कांड पर एक और कार्रवाई

… तो पुलिस अधीक्षक की खूफिया तंत्र फेल !

… धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा।
मिर्जा गालिब की ये मशहूर पंक्ति छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक की ताजातरीन कार्रवाई पर प्रासंगिक लग रहा है। मामला यूँ है कि रतनपुर थाना पुलिस ने कथित आई शिकायत के बाद तुरत-फुरत दुष्कर्म के आरोपी की मां के खिलाफ ही अप्राकृतिक यौन संबंध और पास्को का अपराध दर्ज कर लिया जाता है। इस पर बवाल हुआ तो पुलिस अधीक्षक ने पहले थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम बनाई। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंपा। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक कृष्णकांत सिंह को निलंबित भी कर दिया।  इसके बाद अब एक और कार्रवाई सामने आई है। पुलिस अधीक्षक ने पूरे रतनपुर थाने की सफाई कर दी है। कई पुलिस कर्मियों को पहले ही इधर-उधर किया गया था उनकी रवानगी बची थी।

शुक्रवार को जारी आदेश में अठ्ठारह पुलिस कर्मियों को इधर-उधर के साथ कुछ को रक्षित केंद्र में तैनात कर दिया गया है। हमारी नजर में ये पूरी कार्रवाई वैसे ही लगती हैं कि …धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा। पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से तो साफ संदेश यही जा रहा है कि पूरी दाल काली थी। तो क्या ऐसा संभव है ? इन सब में तड़का इसका भी कि मामले की अफरातफरी में कोटा पुलिस अनु विभाग के अनु विभागीय अधिकारी की मौजूदगी रही। सोकाज नोटिस उनकी भी इसलिए मिला कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को तथ्यों से अवगत नहीं कराया। यानी समझा जाएं कि उन्होंने उच्च अधिकारियों से सच छिपाया। अगर ये तथ्य सच के करीब है तो ये और भी गंभीर मामला है। एक पूरे थाने में अनुशासन को लेकर पुलिस अधीक्षक का इंटेलिजेंस का पूरी तरह फेल हो जाना ? तो क्या मामले के बाद उपजे हालत में पुलिस अधीक्षक का खूफिया तंत्र पूरी तरह फेल रहा।

पुलिस अधीक्षक जहाँ भी रहे हैं, समाज को नशा मुक्त करने निजात अभियान चलाने को लेकर चर्चा में रहते हैं। बिलासपुर जिले में भी उनके इस अभियान की चर्चा है। उनकी पदस्थापना के बाद जिले के थानों में शराब, नशीली दवाओं के अवैध कारोबार और सार्वजनिक जगहों पर नशाखोरी के ढेरों अपराध दर्ज हो रहे हैं। पुलिस अधीक्षक की ये पूरी कवायद साफ-सुथरा अपराध मुक्त समाज बनाने और पुलिस की विश्वसनीयता को बढ़ाने की ही होगी (है)। इन कवायद के बीच भरोसे की बड़ी गहरी और चौड़ा दरार का उभर कर सामने आ जाना, भरोसे के गहराते संकट की ओर इशारा कर रहा है। अपनों के बीच भी भरोसा बनाया इसका एक सार्थक उपाय है। चेहरे पर ही धूल जमीं हो तो भला आईना साफ करने के क्या फायदे होंगे। आपका परिवार है तो मुखिया का और मुखिया पर भरोसा तो होना ही चाहिए। ये टूट रहा है तो संकट बढ़ता ही जाएगा। ‘ट्रांसप्लांट’ जरुरी न हो तो ‘ऑपरेशन’ कर समाधान निकालना ही बेहतर है।