दिन आगे भी तेजी के


भाटापारा। प्रतिस्पर्धी खरीदी अब बारीक धान में भी चालू हो चुकी है। इसलिए तीनों प्रजातियों में भाव बढ़ने लगे हैं। विष्णुभोग हैरत में इसलिए डाल रहा है क्योंकि इसमें 3700 रुपए क्विंटल का भाव अंत तक बना रहा।

मोटा धान में रबी फसलों की आवक गति पकड़ने लगी है। मानसून के लिए अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। इसलिए चावल और पोहा मिलों की खरीदी तो है ही, साथ में ट्रेडर्स और स्टॉकिस्ट भी जमकर खरीदी कर रहे हैं। कीमत में वृद्धि के पीछे बड़ी वजह इनकी खरीदी को भी माना जा रहा है।

बारीक में ऐसी तेजी

विष्णुभोग 3700 रुपए क्विंटल। प्रतिस्पर्धी खरीदी में शुरू हुआ यह भाव अंत तक बना रहा। सियाराम में बोली खुली 2800 रुपए क्विंटल पर, 100 रुपए की बढ़त के बाद 2900 रुपए पर बंद हुई। एचएमटी 2600 से 2700 रुपए के स्तर पर ठहरा हुआ है।

यह धारणा

बारीक धान में अगली फसल चालू साल के अंत में आएगी। इस बीच घरेलू मांग के लिए आपूर्ति का स्तर बनाए रखना होगा। यह सोच, मानसून के पूर्व प्रतिस्पर्धी माहौल को बढ़ा रही है। खरीफ की फसल के बाद के दिनों के लिए मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखने के प्रयास बारीक धान में तेजी का प्रबल संकेत दे रहे हैं।

महामाया अब भी गर्म

बारिश के दिनों के लिए भंडारण। पोहा के अंतर प्रांतीय कारोबार में सुधार की संभावना और नई फसल के लिए कम से कम छह माह की प्रतीक्षा। मजबूत है यह स्थिति तेजी के लिए। यही वजह है कि महामाया में राईस क्वालिटी की उपज 1700 से 1850 रुपए क्विंटल बोली जा रही है। पोहा क्वालिटी में भाव अभी भी 2100 से 2150 रुपए क्विंटल पर स्थिर है।

ऐसे हैं आसार

राईस क्वालिटी के महामाया में स्थिरता का रूख बनता नजर आता है। घरेलू चावल बाजार की मांग भविष्य तय करेगी लेकिन पोहा क्वालिटी के धान में अगले पखवाड़े तक तेजी की प्रबल संभावना है क्योंकि स्टॉकिस्ट, ट्रेडर्स और ईकाइयों की खरीदी बनी हुई है।