शेड पहले से पैक, प्रांगण में जगह नहीं



भाटापारा। टूट रही है आवक बारीक धान की। सर्वाधिक मांग में रहने वाला धान विष्णुभोग का नाम सबसे आगे इसलिए रखा जा रहा है क्योंकि इसे भी प्रांगण में जगह नहीं मिल रही है। असर तेज होती कीमत के रूप में देखा जा रहा है।

दूरदर्शी फैसला लेना तो दूर, राहत के फौरी उपाय नहीं किए जा सके हैं। परिणामस्वरुप सड़क से लेकर प्रांगण तक जाम के दृश्य अब रोज देखे जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा असर बारीक धान की आवक पर पड़ा है, जो तेजी से घट रही हैं। ऐसी स्थिति में अच्छी कीमत की प्रतीक्षा में रखी गई उपज सहारा बन सकती है लेकिन इसके लिए जगह की तलाश कठिन काम हो चला है।

बारीक के लिए ऐसी परेशानी

अच्छी कीमत की प्रतीक्षा में शेड के नीचे रखी गई बारीक धान बेचना चाहते हैं किसान लेकिन खाली जगह नहीं मिल रही है। जहां है ऐसी जगह, वहां पहुंच पाना फिलहाल इसलिए कठिन है क्योंकि सुगम आवाजाही भी नहीं हो पा रही है। लिहाजा प्रांगण और शेड खाली होने की प्रतीक्षा है। फिलहाल इस स्थिति के लिए सप्ताह तक का इंतजार और करने की बात कही जा रही है।

यहां की आवक घट रही

बिलासपुर जिले का रतनपुर और कोरबा जिले का कटघोरा ब्लॉक। इन दोनों को गुणवत्तायुक्त विष्णुभोग की फसल के लिए पहचाना जाता है। बीते एक पखवाड़े से यहां से आवक लगातार कम होती जा रही है। खरीफ की तैयारियां करनी हैं। इसलिए बारीक धान का विक्रय प्रांगण में करने के प्रयास हैं लेकिन चौतरफा जाम की वजह से कठिनाई हो रही है। हताश किसान अपने जिले की ही मंडी में बेचने के लिए विवश हैं।

ऐसी है कीमत

मांग की तुलना में कमजोर आपूर्ति के बीच विष्णु भोग में सौदे 3500 से 3600 रुपए क्विंटल पर होने की खबर है। 3400 से 3500 रुपए की कीमत के साथ रामजीरा दूसरे स्थान पर है। सियाराम में 2700 से 2750 रुपए क्विंटल पर सौदे हुए। एचएमटी में भाव 2500 रुपए पर खुला और 2600 रुपए क्विंटल पर बंद हुआ।