दुष्कर्म पीड़िता की माँ पर पास्को के तहत अपराध दर्ज करने का मामला

बिलासपुर। पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने दुष्कर्म पीड़िता की माँ पर पास्को के तहत अपराध दर्ज करने के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह को निलंबित कर दिया है। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को सम्पूर्ण तथ्यों की जानकारी से अवगत न कराने पर एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक रतनपुर थाना में दुष्कर्म पीड़िता की माँ पर पास्को के तहत अपराध दर्ज करने के मामले में तत्कालीन प्रभारी कृष्णकांत सिंह की लापरवाही पाया गया है। मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने कृष्णकांत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल को जो उस समय थाने में उपस्थित थे, उनके द्वारा भी वरिष्ठ अधिकारियों को सम्पूर्ण तथ्यों की जानकारी से अवगत न कराने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।


पीड़िता को मिली जमानत


चर्चित पास्को मामले में आरोपी दुष्कर्म पीड़िता की माँ की जमानत मंजूर हो गई है। देर शाम तक महिला की रिहा हो कर  घर आ जाने की संभावना जताई जा रही है। ब्राह्मण महासंघ के महासचिव ओम प्रकाश दुबे ने महिला की जमानत मंजूर होने की पुष्टि करते शाम आठ बजे महामाया चौक रतनपुर में आभार सभा करने की बात कही है।

क्या था मामला
छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना में मार्च महीने में भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 376, 4-CHL, 6-CHL के एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज होता है। आरोपी युवक की गिरफ्तारी होती है। अभी वह जेल में ही है। आरोपी भाजपा नेता का रिश्तेदार था। इसके बाद दुष्कर्म और पास्को की पीड़िता की माँ खिलाफ 19 मई शुक्रवार को रतनपुर थाना में पास्को के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया। इस अपराध में प्रार्थिया मार्च महीने में दर्ज दुष्कर्म और पास्को के आरोपी की बुआ और भाजपा नेता की बहन है। प्रार्थिया ने महिला यानी दुष्कर्म पीड़िता की माँ के उपर अपने नाबालिग बेटे के शारीरिक शोषण का आरोप मढ़ा है। उसने इसकी शिकायत शुक्रवार को रतनपुर थाना में की। इस पर थाना प्रभारी ने करंट की गति से अपराध दर्ज कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहाँ से आरोपी को जेल भे दिया गया है। इसे लेकर शहर में तीखी प्रतिक्रिया हुई। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने तीखा विरोध जताया। घटना के बाद से शहर में तनाव की स्थिति बनी रही। मामले की गंभीरता को लेकर पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी जिसने पांच दिन में रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में क्या है इसका खुलासा नहीं हुआ है। शहर में अभी भी जगह जगह सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात है।