मौसम की मार अब टमाटर, मिर्च और गोभी पर
आम, चार, तेंदू, महुआ और बोहार भी खतरे में
बिलासपुर । बढ़ेगा कीट प्रकोप। लगेंगे फफूंद। ना केवल सतर्क रहना होगा बल्कि जल-जमाव ना होने पाए, ऐसी व्यवस्था करनी होगी। सब्जी वैज्ञानिकों ने यह अलर्ट सब्जी उत्पादकों के लिए जारी करते हुए कहा है कि निगरानी का यह क्रम मौसम के पूरी तरह साफ होने तक बनाए रखना होगा।
गेहूं, दलहन और तिलहन के बाद मौसम की नजर अब सब्जी फसलों पर भी लगी हुई है। प्रदेश का हर कोना बिगड़ते मौसम के घेरे में आ चुका है। तापमान की जैसी स्थिति बन रही है और बारिश की आशंका के बीच ऐसी फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका बन चुकी है, जिसे सामान्य तापमान की जरूरत होती है। तैयार होती फसल खतरे में आ चुकी है, तो गर्मी के दिनों में आने वाली फसल की भूमि पर भी दूरगामी परिणाम की आशंका है।

लगेंगे फफूंद
सब्जी की खेती में टमाटर का रकबा में जिस गति से बढ़ा हुआ है, उस पर भी बिगड़ रहे मौसम की नजर लग चुकी है। बूंदाबांदी होने से टमाटर में कीट प्रकोप की प्रबल आशंका है। साथ ही फफूंद लगने जैसी शिकायतें बढ़ेंगी। इसके अलावा फूल गोभी, पत्ता गोभी और गांठ गोभी की फसलों पर भी यह दिक्कतें आएंगी। मिर्च की फसल भी ऐसी ही बीमारी से ग्रस्त होंगी।

करें यह उपाय
सब्जी फसलों को इस प्रतिकूल मौसम से बचाने के लिए निगरानी बढ़ानी होगी। तैयार हो रही फसलों की क्यारियों में पानी का जमाव ना होने पाए इसलिए जल निकासी की व्यवस्था चुस्त रखनी होगी। सघन जांच के दौरान पत्तियों और फूलों के रंग पर ध्यान रखें। आगामी फसलों की बोनी के पहले कृषि वैज्ञानिकों से परामर्श लेना जरूरी होगा।

गिर जाएंगी यह फसलें
तैयार हो रही है आम की फसल। चार का इंतजार कर रहा है बाजार। यह दोनों परिपक्वता अवधि के पहले ही गिर सकते हैं क्योंकि तेज हवाएं और ओले गिरने जैसी जानकारियां उत्पादक क्षेत्रों से आ रही है। यही स्थिति तेंदू, महुआ और बोहार में बन चुकी है। बचाव के कोई उपाय नजर नहीं आते क्योंकि प्रकृति के सामने सब नतमस्तक हैं।

जल-जमाव ना होने दें
सब्जी क्यारियों में नालियां स्वच्छ रखें। यानी निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ रखना होगा। इस मौसम से टमाटर, बैंगन, मिर्च और गोभी की प्रजातियों पर कीट प्रकोप की शिकायतें आ सकती हैं।
– डॉ अमित दीक्षित, डीन, उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, पाटन, दुर्ग

बेमौसम बारिश से वानिकी वृक्षों को भारी नुकसान
बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से बोहार, महुआ, चार एवं तेंदू वृक्षों को काफी नुकसान होने की आशंका है l फूल एवं फल झड़ने से उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा l
अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर