भूमि सुधार में भी मददगार ‘अकेसिया मेंजियम’

पेपर इंडस्ट्रीज में भरपूर मांग



बिलासपुर। ‘अकेसिया मेंजियम’। जाना-पहचाना लगता है यह नाम। आला दर्जे का यह वृक्ष इसलिए महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि बंजर भूमि को उर्वर बनाने की क्षमता रखता है। वानिकी वैज्ञानिकों के बीच इसे भूमि सुधार करने वाले वृक्ष का दर्जा हासिल है।

छत्तीसगढ़ सरकार की वृक्ष संपदा योजना को जैसा प्रतिसाद मिल रहा है, उसके बाद अकेसिया मेंजियम का भी नाम पौधरोपण के लिए जरूरी पौधों की सूची में जोड़ा जा रहा है। वन विभाग की नर्सरियों में कभी कमजोर पहुंच वाली यह प्रजाति अब निजी क्षेत्रों की नर्सरियों में अपनी जगह बना रही है। यह इसलिए क्योंकि इसमें ऐसे कई गुण हैं जो अन्य प्रजातियों में नहीं मिलते।

बेहद अहम इसलिए

लौह अयस्क और कच्चा एलुमिनियम ऐसे खनिज हैं, जिनके ऊपर की जमीन पर किसी भी वृक्ष का तैयार हो पाना दुष्कर माना जाता है। ऐसी भूमि पर खुद को मजबूती के साथ तैयार कर लेता है अकेसिया मेंजियम। इसके अलावा लाल मिट्टी वाली जमीन पर भी यह तेजी से ग्रोथ लेता है। लिहाजा ऐसे क्षेत्रों में पौधरोपण के लिए प्रजाति की खोज खत्म होने जा रही है।

करता है भूमि सुधार

अनुपजाऊ भूमि यानी बिगड़ी भूमि को फिर से उर्वर भूमि के रूप में बदलने की क्षमता रखती है यह प्रजाति। यह अपने आप में इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि लाख जतन करने के बाद भी बिगड़ी भूमि को सुधारने में संतोषजनक सफलता नहीं मिल रही है। ऐसी स्थितियों के बीच हुई खोज में मिली यह प्रजाति निश्चित ही मदद करेगी। मालूम हो कि अब तक यह गुण किसी भी वृक्ष में नहीं पाया गया है।

बनती है यह सामग्री

अकेसिया मेंजियम की लकड़ी से बनने वाला पल्प उच्च क्वालिटी का माना गया है। पल्प से बनने वाले कागज का चमकदार होना, पेपर इंडस्ट्री की मांग को पूरा करता है। इसके अलावा मोल्डिंग डोर, कैबिनेट और आकर्षक फर्नीचर निर्माण करने वाली इकाइयों की मांग में इसकी लकड़ियां बनी हुई है।

मिलते हैं इन देशों में

ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, पापुआ न्यूगिनी, बांग्लादेश, चीन, मलेशिया, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड, वियतनाम और अपने देश में भी अकेसिया मेंजियम के वृक्ष बहुतायत में मिलते हैं। अनुसंधान में मिली सफलता के बाद प्रदेश में इसका रोपण क्षेत्र बढ़ने की प्रबल संभावना है।

तेजी से बढ़ता है

अकेसिया मेंजियम तेजी से बढ़ने वाला अद्भुत पेड़ है। इसका मुख्य उपयोग फर्नीचर बनाने में होता है। इससे बनने वाले पल्प से चमकदार कागज बनता है। इसलिए पेपर इंडस्ट्रीज की पहली मांग है। बंजर भूमि के सुधार में यह प्रजाति अहम भूमिका निभाती है।
– अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, बीटीसी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर