मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री-परिषद की बैठक
कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई
भोपाल। ‘मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना’ योजना के अंतर्गत युवाओं को घर-घर राशन पहुंचाने का काम दिया जाएगा। सरकार द्वारा वाहन उपलब्ध कराने के लिए बैंकों से ऋण स्वीकृति की भी व्यवस्था की जाएगी।
मंत्री-परिषद ने 200 से अधिक राशन कार्ड हितग्राही मौजूद होने वाली ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के पूर्णकालिक विक्रेताओं को 10 हजार 500 रूपये प्रति महीने मानदेय दिये जाने का निर्णय लिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से कम राशन कार्ड हितग्राही होने पर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के विक्रेताओं को 6 हजार रूपये और अंशकालिक विक्रेताओं को 3 हजार रूपये प्रति महीने मानदेय देने को मंजूरी दी गई है।मध्यप्रदेश नरवाई विनिष्टीकरण में नंबर वन है। नरवाई से भूसा बनाने वाली मशीन के लिए बडे़ किसानों को छोड़कर सभी किसानों को मशीन पर 50% सब्सिडी दी जाएगी। बडे़ किसानों को भी 40% सब्सिडी दी जाएगी। गौ-शाला संचालकों को भी नरवाई से भूसा बनाने वाली मशीन पर 40फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी। मंत्री-परिषद द्वारा रोजगार सृजन के दृष्टिगत कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर बढ़ाने के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई। इंदौर और उज्जैन के टोल टैक्स के प्रस्ताव को यूजर फ्री कलेक्शन एजेंसी के माध्यम से उपभोक्ता शुल्क संग्रहण की स्वीकृति प्रदान की गई। मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के लिए 198 पदों की कार्योत्तर स्वीकृति दी गई और 13 नए पदों का सृजन करने को भी मंजूरी दी गई।
छोटे किसानों के लिए मछली पालन के रोजगार को बढ़ावा देने सौ करोड़ रूपये की राशि प्रस्तावित की गई।
दमोह, राजगढ़, बड़वानी छतरपुर, गुना, खंडवा, सिंगरौली और विदिशा में नवीन स्नातक आदर्श महाविद्यालयों के लिए 336 शैक्षणिक एवं 200 अशैक्षणिक समेत कुल 536 नवीन पदों के निर्माण को मंजूरी एवं 12 हजार 658 लाख रूपये आवर्ती व्यय की स्वीकृति दी गई।
देवेन्द्र कुमार जैन