पत्र वार्ता

जल जीवन मिशन की स्थिति बेहतर नहीं

बिलासपुर। भारत सरकार ने कभी पैसे की कमी नहीं की योजना बनाकर भरपूर पैसा दिया जा रहा है। राज्यों से उम्मीद थी कि पैसे दिए जा रहे तो योजना भी तीन गुना अधिक प्रतिशत से काम करे। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन का काम काफी पिछड़ा हुआ है। यहाँ बेहतर काम करने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कही

शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री पटेल ने कलेक्टोरेट के मंथम सभा कक्ष में अफसरों की बैठक ली. पत्रकारों से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा जल जीवन मिशन 2०19 में शुरू हुआ था। छत्तीसगढ़ उस समय 6 से 7% में था अब भी स्थिती ठीक नहीं है। 26 से 28 % ही काम हो पाया है। जल जीवन मिशन के साथ ही भारत सरकार ने 3 अहम फैसले लिए थे। जिसमें जिस राज्य ने पिछले वर्ष जितना पैसा खर्च किया है। उससे तीन गुना ज्यादा दिया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार ने 6० हजार करोड़ बजट में रखा। इसलिए योजना में पैसे की कमी तो नहीं है। लेकिन राज्य से उम्मीद थी कि तीन गुना पैसा मिल रहा तो काम भी तीन गुना अधिक तेजी से हो 3 गुना ज्यादा डीपीआर बने, 3 गुना ज्यादा टेंडर निकले, तीन गुना ज्यादा वर्क ऑर्डर हो। लेकिन अभी के काम को देखकर यह कहा जा सकता है। कि छत्तीसगढ़ काफी पिछड़ी हुई है। अफसरों ने कहा है कि 2 अक्टूबर तक सभी टेंडर पूरा कर लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ नेशनल स्तर के काम के आधा भी नहीं कर पाई है। 52 प्रतिशत नेशनल एवरेज है। लेकिन छत्तीसगढ़ अभी तक 26 से 28 % काम ही कर पाई है। जल जीवन मिशन से अब तक 1० करोड़ 2० लाख घरों में शुद्ध पानी पहंुच चुका है। लेकिन योजना में छत्तीसगढ़ काफी पिछले है। इसे बेहतर काम करना चाहिए। काम में तेजी लाने की जरूरत है।

समय पर नहीं होगा लक्ष्य पूरा

केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा छत्तीसगढ़ ने स्वमं 2024 तक जल जीवन मिशन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। काम की गति देखकर ये लग रहा है कि 2024 तक भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाएगा। ऐसा नहीं है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस शासित राज्य है। इस लिए काम में देरी हो रही है। भारत सरकार पैसा देने में कोई कमी नहीं कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना है। लक्ष्य 2024 के चुनाव को देखकर नहीं दिया गया है। इसे राज्य तय करती है। गोवा ने 2020 में ही लक्ष्य प्राप्त कर लिया, तेलंगाना और लक्ष्यदीप व अंडमार ने 2021 तक काम पूरा करने का दावा किया वो भी कर लिए। हरियाणा ने 2022 तक का लक्ष्य दिया था, 2021 में ही काम पूरा हो गया। छत्तीसगढ़ ने 2024 का लक्ष्य रखा है। वहीं काम की गति के अनुसार इस समय सीमा तक भी काम पूरा नहीं हो पाएगा।