बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में सोनकुत्तों का आतंक बढ़ गया है। पांच कुत्तों के एक झुंड ने जंगल में एक नर चीतल का शिकार किया है। अपने वजन से 4 गुना अधिक वजन के चीतल को सोन कुत्तों ने घेर कर दबोच लिया और जिंदा चीतल के मास को नोच-नोच के खाने लगे। जब सोन कुत्तें चीतल का शिकार कर रहें थे तो उस समय एटीआर के पैदाल गार्ड ने इस शिकारी और शिकार को अपने कैंमरे में कैंद कर लिया।
जंगली कुत्ते यानी सोन कुत्ता की आबादी अब एटीआर में बढ़ते जा रही है। आए दिन किसी न किसी बीट में ये वन्यप्राणियों के शिकार कर रहें है। पिछले कई दिनों से ये एटीआर के जंगलों में चीतलों का शिकार कर रहें है। इनके बढ़ते कुंनबे से अब वन अफसर भी चिंतित है। लगभग ढाई फुट ऊंचा और तीन फुट का लंबा यह डॉग शिकार की जुगत में जंगलों और बस्तीयों के आस पास घुमते है। जानकारों की माने तो इस डॉग की प्रजाति झुंड में रह कर शिकार करती है। अपने से चार से पांच गुना बड़े आकार के जनवरों को भी ये आसानी से अपना शिकार बना लेते है। एटीआर में अब आए दिन इन सोन कुत्तों के द्बारा यहां के चीतलों और छोटे-छोटे वन्यजीवों का शिकार किया जा रहा है।

सोन कुत्ता झुंड में बाघ से भी होते है खतरनाक
सोन कुत्तों को बाघों का बच्चा चोर माना गया है। दूर से ही बाघिन के शावकों की गंध पा जाते हैं। इसके चलते बाघों के लिए सोन कुत्तों को खतरा माना जाता है। ये जिस जंगल में रहते हैं, वहां से बाघ अपना ठिकाना बदल देते हंै। सोन कुत्ता यदि झुंड में रहता है तो ये बाघ को भी अपना शिकार बना लेता है। अधिकतर मामले में सोन कुत्तों के झुंड से बाघ हार ही जाता है। छोटे के साथ ही ये बड़े वन्यजीवों पर भी हमला कर उसका शिकार कर देते है।