कहीं से नहीं हो रही घटना की अधिकारिक पुष्टि
रतनपुर. किसी भी धर्म और मजहब के मानने वाले हो वे जब किसी भी धर्म के उपासना या प्रार्थना स्थल पर जाते हैं तो सम्मान कर जूते-चप्पल दहलीज पर ही छोड़ जाते हैं पर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में लाखों करोड़ों लोगों की प्रतीक उपासना परिसर में मुख्य मंत्री की मौजूदगी में जिले के आला अधिकारी जूते पहने हुए ही मंदिर में घूसते और बाहर निकलते देखे जाने की शहर में जमकर चर्चा है. वही रसूख और खौफ ने जिम्मेदारों के मुंह पर ताले जड़ दिए हैं वहीं सच क्या है इसका खुलासा सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से ही हो सकता है जो मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन के पास है. हालांकि इस मामले पर कोई अधिकारिक बयान अब तक किसी भी की ओर से नहीं आया है. घटना को लेकर नागरिकों में तीखा रोष व्याप्त है.
बुधवार की दोपहर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मां महामाया देवी के दर्शन के लिए रतनपुर स्थित मंदिर पहुंचे थे. पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए थे. सुरक्षा ऐसी की पत्रकारों को भी मुख्यमंत्री के आने और जाने तक एक दायरे में कैद रखा गया था. मौके पर संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, एसपी के साथ जिला प्रशासन के आला अधिकारी मंदिर परिसर में ही मौजूद थे. व्यवस्था ऐसी कि परिंदों को भी पर मारने की इजाजत नहीं थी. कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्यमंत्री के पूजा अर्चना के लिए मंदिर में घुसने और बाहर आने के दौरान जिले प्रशासन के आला अधिकारियों की ऐसी तस्वीर देखने को मिली कि लोग सकते में आ गए. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया जिले के आला अधिकारी से ऐसी हरकत की उम्मीद किसी से नहीं थी जिसमें लोगों की आस्था को रौंदते जुता पहने जिला प्रशासन का अधिकारी बड़ी बेशर्मी के साथ अंदर घूमते और फिर बाहर निकलते देख गया हैं. प्रत्यक्ष दर्शी का दावा है कि मंदिर की सुरक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरे से घटना के सच्चाई का खुलासा हो सकता है इस मामले के खुलासे के बाद हड़कंप की स्थिति है. लाखों करोड़ों लोगों की आस्था स्थल पर ऐसी करतूत पर लोगों में तीखा आक्रोश व्याप्त है. हांलाकि इस मामले की आधिकारिक पुष्टि किसी ने नहीं की है घटना सच है या कोरी अफवाह की पुष्टि सिर्फ मुख्यमंत्री के मंदिर अंदर जाने और बाहर आने के दौरान रिकॉर्ड सीसीटीवी कैमरे का फुटेज ही कर सकता है . ऐसे में समय ही बताएगा की अधर्मी का अहंकार जीतेगा या फिर सच झूठ के रसूख पर दम तोड़ देगा.