दर्जनभर से ऊपर ऐसे क्षेत्र, जहां सोशल डिस्टेंस तार-तार
भाटापारा। सब्जी बाजार, कृषि उपज मंडी, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, होटल ,फास्ट फूड कॉर्नर और चाट ठेले। यह चुनी हुई ऐसी जगह है, जहां सोशल डिस्टेंस का नियम हर पल टूटते हुए देखा जा सकता है। विडंबना यह कि, ना हम ध्यान दे रहे हैं, ना प्रशासनिक अमले की नजर है। लिहाजा यह क्षेत्र तेजी से हॉटस्पॉट बनने की राह पर हैं।
न 2 गज की दूरी, न मास्क है जरूरी। इस लय पर चल रहे हम अब भी, करीब पहुंच चुकी तीसरी लहर से अनजान और लापरवाह बने हुए हैं। रोज आती खबरें सुन रहे हैं, पढ़ भी रहे हैं लेकिन ना सबक लिया, ना सीखा। इसमें बहुत बड़ा सहयोग वह प्रशासन भी दे रहा है, जिस पर ऐसी गतिविधियों पर रोक की जिम्मेदारी है। लिहाजा सोशल डिस्टेंस जैसे जरूरी नियम, किनारे किए जा चुके हैं। यह गतिविधि, खुला निमंत्रण है उस आफत को, जिस से दूर रहने का प्रयास पूरी दुनिया कर रही है।
यहां खतरा हर पल
मास्क और सैनिटाइजर के बाद हमने सोशल डिस्टेंस जैसे नियम से भी दूरी बना ली है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जो तीसरी लहर में हॉटस्पॉट बन सकते हैं। जिन क्षेत्रों को पहली नजर में सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है, उनमें रेलवे और बस स्टैंड के अलावा सब्जी मंडी, किराना बाजार, कृषि उपज मंडी, होटल और रेस्टोरेंट तो हैं ही, साथ ही वह गुपचुप और चाट कार्नर भी है, जहां सबसे ज्यादा भीड़ देखी जा रही है।
नजर में यह भी
सामाजिक गतिविधियां, धार्मिक आयोजन के अलावा ऐसी पदयात्रा और जन-जागरण यात्रा भी तीसरी लहर के मजबूत वाहक बन रहे हैं, जिनमें सोशल डिस्टेंस जैसे गाइडलाइन तार-तार हो रहें हैं। इनमें खेल गतिविधियों को भी शामिल किया जा सकता है क्योंकि ऐसे आयोजन में भी शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
समस्या बन रहे यह भी
आमजनों की समस्या दूर करने के लिए शासकीय कार्यालयों में अलग से गतिविधियां चलाई जा रहीं हैं। उम्मीद थी कि अधिकारियों की मौजूदगी में होने वाले ऐसे कार्यक्रम में कोविड-19 के नियमों का पालन गंभीरता के साथ होगा, लेकिन, अब यहां पर भी नियमों को टूटता हुआ देखा जा सकता है। ऐसी गतिविधियां यह बताने के लिए काफी है कि हमने नियमों का पालन, नहीं करने की ठान ली है।