एएसपी नीरज चंद्राकर ,कांग्रेस नेता सहित 21 लोग तीन साल बाद भी गवाही देने नहीं पहुंचे ..
बिलासपुर। कांग्रेस भवन में घुसकर कांग्रेसियों पर जमकर लाठी चार्ज करने का मामला शांत होता दिख रहा है। तीन साल बाद भी इस मामले में जांच पूरी नहीं हो सकी है इसकी वजह लाठी कांड के गवाह है जो अभी तक जांच कमेटी के सामने अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। इतना ही नहीं कांग्रेस में घुसकर जानवरों तरह कांग्रेसियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने वाला तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर आज तक दंडाधिकारी जांच के सामने उपस्थित नहीं हुआ है। खुलेआम लाठी बरसाने वाले अधिकारी पर लगता है कांग्रेस के जानवरों की तरह मार खाने वाले कांग्रेसी ही मेहरबान है। जांच कमेटी ने कांग्रेसियों सहित आरोपी और गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए कई बार नोटिस दिया है लेकिन मामला लगातार टल रहा है इसके पीछे कांग्रेस की गुटबाजी ही मानी जा रही है। जबकि तत्कालीन एएसपी नीरज चंद्राकर ने पीसीसी के उपाध्यक्ष पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव पर एएसपी नीरजचंद्राकर ने अपने मतहतों के साथ ताबड़तोड़ लाठियां बरसाई जिसमें अटल श्रीवास्तव गंभीर रुप से घायल हुए थे। घटना की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि घटना की सूचना मिलते ही तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान सीएम भूपेश बघेल आधीरात को सिम्स पहुंच गए थे। इस घटना को लेकर देशभर में हंगामा हुआ था स्वयं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने घटना की निंदा की थी। इस घटना में 37 लोगों को चोंट लगी थी। जिसमें से 11 कांग्रेसी और 10 पुलिस अधिकारी गवाही देने के लिए नहीं पहुंची।

क्या था घटना …
18 सितम्बर 2018 को दोपहर लगभग एक बजे सभी कांग्रेसी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के राजेन्द्र नगर स्थित बंगले के अन्दर कचरा फेंककर जमकर नारेबाजी की। कचरा फेंकने के बाद कांग्रेसी कांग्रेस भवन लौट गए। यहां बैठकर कांग्रेसी आपस में चर्चा कर रहे थे। इसी समय एएसपी नीरज चंद्राकर पुलिस बल लेकर कांग्रेस भवन में घुस गए और कांग्रेसियों को जमीन लोटा लोटा कर पीटना शुरु कर दिए ,लाठी ऐसी चली शरीर का कोई अंग नही बचा था जहां जख्म निशान न हो। कई कांग्रेसी लाठी की वजह से चल तक नहीं पा रहे थे।
देश की पहली घटना ….
राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय में घुसकर लाठी चार्ज के घायलों को देखने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान सीएम भूपेश बघेल तत्काल पहुंच गए थे लेकिन बाकी नेता नजर नहीं आए थे। जो चर्चा का विषय रहा।
..सरकार होने के बावजूद नहीं मिली राहत ..
कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद कांग्रेसियों को राहत नहीं मिली। जबकि उस समय घटना को लेकर कांग्रेसी सहित आम जनता में पुलिस खिलाफ आक्रोश नजर आया जिसका नुकसान तत्कालीन भाजपा सरकार को उठाना पड़ा।
..ये नहीं पहुंचे गवाही देने ..
विजय केशरवानी जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी, विक्की आहूजा,विष्णु यादव पार्षद,गोपाल दुबे, भरत जुरयानी,दिनेश सीरिया,कप्तान खान, मुकेश साहू, सीमा सोनी,राकेश सोनकर ,स्वाती रजक सहित अन्य नहीं पहुंचे।
..ये भी नहीं पहुंचे..
नीरज चंद्राकर तत्कालीन एडीशनल एसपी, अर्चना झा तत्कालीन एडीशनल एसपी ग्रामीण,विश्व दीपक त्रिपाठी सीएसपी कोतवाली, एसएस पैकरा नगर पुलिस अधीक्षक,प्रवीण राजपूत थाना प्रभारी तोरवा,अंजू चेलक कोतवाली,जगदीश मिश्रा सिविल लाइन,आर मार्तण्ड देव उपाध्याय आरक्षक,हर नारायण पाठक प्रधान आरक्षक,संतोष जैन थाना प्रभारी सरकण्डा।