दो दिन तक अंचल के पुरातत्व, धार्मिक व पर्यटन स्थलों का किया निरीक्षण
रतनपुर। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान ‘प्रसाद’ राष्ट्रीय मिशन के तहत दो दिन तक पर्यटन अधिकारी और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की सलाहकार संस्था के अधिकारी गाइड लाइन के हिसाब से परियोजना प्रस्ताव तैयार करने अंचल के पुरातत्व, धार्मिक व पर्यटन स्थलों का निरीक्षण कर लौट गए। इसकी भनक शहर के जनप्रतिनिधियों को भी नहीं लगी। वहीं अधिकारियों ने कान्सेप्ट प्लान तैयार करने जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने की जरूरत तक नहीं समझी । इससे प्रसाद के प्रतिसाद को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।
सांसद अरूण साव ने रतनपुर को भी भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा साल 2014-15 में चिंहित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के उद्देश्य से ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान ‘प्रसाद’ राष्ट्रीय मिशन में शामिल करने पहल की है। बिलासपुर जिले के रतनपुर में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्द्धन अभियान- PRASHAD प्रसाद योजना के तहत निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की सलाहकार संस्था ईआरएनएसटी एंड यंग एलएलपी llp को निर्देशित किया गया है।
स्ंस्था के सलाहकार रोहित रंजन और पर्यटन अधिकारी संतोष रैदास रतनपुर का स्थल निरीक्षण कर कांसेप्ट प्लान तैयार करने के लिए प्रस्तावित स्थलों के निरीक्षण एवं स्थानीय आवश्यकताओं के आंकलन करने के लिए स्टेक होल्डर्स अन्य जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन से चर्चा के लिए 14 को रतनपुर पहुंचे। यहां दोनों अधिकारियों ने दो दिन रूक कर कांसेप्ट प्लान तैयार करने के लिए प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ राजस्व, और वन विभाग का अमला राजस्व भूमि व वन भूमि की उपलब्धता की जानकारी देने के लिए मौजूद रहे। वहीं अधिकारियों ने स्थानीय स्टेक होल्डर्स व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर कांसेप्ट प्लान व परियोजना प्रस्ताव तैयार करने की जरूरत ही नहीं समझी। इससे परियोजना तैयार करने में अधिकारियों की गंभीरता और विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे है। प्रसाद योजना का प्रतिसाद कैसे और किस तरह आम लोगों तक पहुंचेगा बड़ा सवाल है।
सब कुछ हाईलेवल पर करेंगे
इस मामले पर पर्यटन अधिकारी संतोष रैदास ने कहा सेंट्रल की स्कीम है, प्रपोजल बनाकर भेज रहे हैं, कुछ सेंशन नहीं है, प्लान कर रहे हैं. जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के सवाल पर कहा सब कुछ हाईलेवल पर करेंगे, अभी प्रारंभिक सर्वे है.
नपा अध्यक्ष ने जताई अनभिज्ञता
नगरपालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे ने प्रसाद योजना को लेकर कांसेप्ट प्लान तैयार करने को लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी व सूचना मिलने से इनकार किया है।
क्या है प्रसाद योजन
भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय ने साल 2014-15 में चिंहित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के उद्देश्य से ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन पर राष्ट्रीय मिशन’ शुरू किया गया था। अक्तूबर 2017 में इस योजना का नाम बदलकर ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान’ यानी ‘प्रसाद’ राष्ट्रीय मिशन कर दिया गया। इसका उद्देश्य महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय, वैश्विक तीर्थ और विरासत स्थलों का कायाकल्प एवं आध्यात्मिक संवर्द्धन, समुदाय आधारित विकास का पालन करना, स्थानीय समुदायों में जागरूकता पैदा करना, आजीविका उत्पन्न करने के लिये विरासत शहर, स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, व्यंजन आदि का एकीकृत पर्यटन विकास, अवसंरचनात्मक कमियों को दूर करने के लिये तंत्र को सुदृढ़ बनाना है विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा विकसित करना. इसके तहत चिंहित परियोजनाओं को संबंधित राज्य या संघ राज्य क्षेत्र की सरकार द्वारा चिंहित एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाना है। इसके तहत पर्यटन मंत्रालय द्वारा चिंहित स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकारों को केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) मिलती है। योजना के तहत सार्वजनिक वित्तपोषण के घटकों के लिये शत-प्रतिशत निधि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। परियोजना की बेहतर स्थिरता, निरंतरता के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) को भी शामिल किया गया है।
योजना में हैं 12 शहर शामिल
योजना के पहले चरण में कामाख्या (असम), अमरावती (आंध्र प्रदेश) , द्वारका (गुजरात), गया (बिहार), अमृतसर (पंजाब), अजमेर (राजस्थान), पुरी (ओडिशा), केदारनाथ (उत्तराखंड), कांचीपुरम (तमिलनाडु), वेलनकन्नी (तमिलनाडु), वाराणसी (उत्तर प्रदेश) व मथुरा उत्तर प्रदेश शामिल हैं ।