भाटापारा । हवन-पूजन और आरती के बाद श्री अखंड राम नाम सप्ताह का सुखद समापन हो गया। कोरोना गाईड लाईन के पालन के साथ प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में प्रतीकात्मक शोभा यात्रा भी निकाली गई।
कोरोना महामारी के बीच श्री अखंड रामनाम सप्ताह का यह दूसरा बरस था ,जब बेहद सीमित और प्रतीकात्मक तौर पर आयोजन हुआ। कड़ी शर्तों के साथ आयोजन की अनुमति थी। शोभा यात्रा के लिए प्रशासन ने हामी भरी थी लेकिन आयोजन, के छठवें दिन एक साथ 4 पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद शोभा यात्रा की अनुमति प्रशासन ने वापस ले ली। इसलिए गाइडलाइन के पालन के साथ आयोजन स्थल के समीप ही शोभा यात्रा निकाली गई ।
हम नहीं सुधरेंगे
पहले दौर में हमने खूब लापरवाही दिखाई। परिणाम लॉकडाउन के रूप में सामने था। यह लापरवाही दूसरे दौर में भी जारी है l श्री अखंड रामनाम सप्ताह के आयोजन के पूरे सप्ताह , आयोजन स्थल के आसपास मेला जैसा , जो माहौल रहा, उसने यह सोचने पर विवश कर दिया है कि ऐसी गंभीर गलतियां हम कब तक करते रहेंगे ? सड़क के दोनों किनारों में लगीं छोटी-छोटी दुकानों में जमा हुई भीड़ इस लापरवाही को प्रदर्शित करती रही ।
किसने दी अनुमति
समापन दिवस मंगलवार को था। यह दिन गुमास्ता नियमों के मुताबिक बाजार बंद का दिन है लेकिन दुकानें रोज की तरह खुली हुई थीं। सवाल यह उठ रहा है कि कोरोना के पहले दौर में जैसी फुर्ती और कड़ाई दिखाई, वह अब कहां है? बड़ा सवाल – गुमास्ता एक्ट के तहत बंद के दिन, दुकानें खोलने की अनुमति किसने दी ?
टूटते रहे नियम
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जो उपाय सुझाए गए हैं वे कदम-कदम पर तोड़े जाते रहे। सामान्य दिन की ही तरह , हमने न मास्क लगाने की जरूरत समझी, न सोशल डिस्टेंस जैसे गंभीर नियम का पालन किया। चेतावनी और सलाह,ना प्रशासन की मानी गई, ना आयोजन समिति की सुनी गई । हमारी ही सुरक्षा के लिए बनाए गए नियम, हम ही तोड़ते रहे।