वार्डो में नर्सिंग कॉलेज के छात्राओं और एमबीबीएस स्टूडेंट्स की लगी ड्यूटी

आंदोलन के पहले दिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल की चरमराई व्यवस्था


बिलासपुर। सात साल से वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिलने से गुस्साए सिम्स के 316 कर्मचारी सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए. इसके चलते वार्डो में फैली अव्यवस्था से प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में सरकारी और निजी कॉलेजों से 300 से अधिक नर्सिंग के छात्राओं को मरीजों के देखरेख के लिए प्रबंधन ने अस्पताल में ड्यूटी लगाई. उनके साथ एमबीबीएस की पढ़ाई छात्र-छात्राओं को भी वार्डों में मरीजों की तिमारदारी में लगाया। वही कर्मचारियों ने कहा सिम्स प्रबंधन द्वारा शनिचरी से श्रमिको को ला कर चिकित्सालय में साफ सफाई व वार्डो में कार्य कराया गया। जिनकी विधिवत कोई रिकार्ड नही है। जिनसे मरीजों के साथ शासकीय सम्पत्ति को उपकरण एवं अन्य सामग्रियों की क्षति सम्भावित हैं। प्रबंधन का कहना है कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 316 कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से काफी प्रभाव पड़ा है। जानकारी पहले से होने के कारण व्यवस्था कर ली गई थी। कुछ पूराने कर्मचारियों के साथ ही ठेकेदारों के कर्मचारियों से काम लिया गया। जूनियर से लेकर रेसिडेंस डॉक्टरों को ड्यूटी लगाई गई। सोमवार को सिम्स में मरीजों को इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

प्रबंधन से लेकर विधायक, मंत्री तक फरीयाद लगाई लेकिन किसी ने नही दिया ध्यान

हड़ताल में बैठे कर्मचारियों ने बताया कि उन्होने कई बार प्रबंधन से लेकर विधायक, मंत्री तक फरीयाद लगाई लेकिन उनके जो शासकीय लाभ मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजबूरन उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा। दूसरी तरफ सिम्स में मरीजों का इलाज तो डॉक्टर कर रहें थ्ो लेकिन वार्ड बॉय, लैब अटेंडर, एक्सरे और अन्य मशीन चालने वाले कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण जांच और अन्य काम प्रभावित हुआ। इधर वार्ड से मरीजों को सिफ्ट करने वाले वार्ड बॉय, वार्ड आया सहित सफाई और अन्य काम करने वाले कर्मचारी के हड़ताल कर देने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा।