
बड़े विमान बोईंग और एयरबस के संचालन के लिए कम से कम 2300 सौ मीटर लम्बे और 45 मीटर चौड़े रनवे की आवश्यकता
बिलासपुर। चकरभाठा हवाई अड्डे के विकास और सुविधाए बढ़ाने के लिए नगर पालिक निगम बिलासपुर
की सामान्य सभा द्वारा पारित प्रस्ताव की तरफ ध्यान आकर्षित कराते हुए महापौर रामशरण यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है और चकरभाठा एयरपोर्ट के लिए 100 जमीन दिलाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है। सर्वप्रथम मैं नगर पालिक निगम और बिलासपुर की जनता की ओर से आपके द्वारा बिलासपुर हवाई अड्डे के विकास के लिए 27 करोड़ रूपये की राशि मंजूर करने के फैसले पर साधुवाद करता हूं। इस राशि के अंश से वर्तमान में कतिपय विकास कार्य जारी है जिनसे बिलासपुर हवाई अड्डे को उसी श्रेणी का लासेंस मिल सकेगा। बिलासपुर चकरभाठा हवाई अड्डे को जहां वर्तमान में 15 सौ मीटर लम्बा और 30 मीटर चौड़ा रनवे है,उसको बड़े विमान बोईंग और एयरबस के संचालन के लिए

कम से कम 2300 सौ मीटर लम्बे और 45 मीटर चौड़े रनवे की आवश्यकता होगी। इस हेतु बिलासपुर हवाई अड्डे में रनवे के दक्षिण दिशा में करीब 100 एकड़ अतिरिक्त भूमि के आबंटन की आवश्यकता है। हवाई अड्डे के चारों ओर भारतीय सेना ने अपने छावनी निर्माण हेतु 2012 में 983 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था परन्तु बाद में यह परियोजना स्थगित कर दी गई है। इस 983 एकड़ में से रनवे विस्तार के लिए भारतीय सेना से 100 एकड़ भूमि वापस हासिल कर एयरपोर्ट के लिए आबंटन किये जाने की आवश्यकता है। इस हेतु एयरपोर्ट के पास पश्चिम दिशा में उपलब्ध भूमि से इस भूमि की अदला बदली भी की जा सकती है, अन्यथा भारतीय सेना को 100 एकड़ अतिरिक्त भूमि या समान दर की उनकी चाही गई भूमि अन्यत्र भी उपलब्ध कराई जा सकती है। जब भारतीय सेना को भूमि आबंटित की गई थी उस समय यह सहमति थी कि सेना एयरपोर्ट विस्तार के लिए आवश्यक भूमि प्रदान करने में मना नहीं करेगा। उपरोक्त परिस्थिति में राज्य शासन के द्वारा एक विधिवत प्रस्ताव/मांगपत्र भारतीय सेना/ रक्षा मंत्रालय भारत सरकार को भेजे जाने की आवश्यकता है। अतः आपसे अनुरोध है कि बिलासपुर हवाई अड्डे के पूर्ण विकास के लिए यथोचित कार्यवाही
अतिशीघ्र करने का कष्ट करें।