सेहत ख़राब प्लास्टिक और जूट बैग की
भाटापारा। पैबंद 12, रफू 15 और फ्रेश जूट बैग 20 रूपए प्रति नग l ओल्ड जूट बैग की हालत बेहद ख़राब है। ओल्ड प्लास्टिक बैग के बंडल अब भंडार गृह में रखे जाने लगे है क्योकि डिमांड से बाहर हो चुकी है।
सिर्फ 2 माह में ही ओल्ड जूट बैग ने घर वापसी की राह पकड़ ली है। इतनी कम अवधि में वापसी से वह दुकानें परेशान हैं, जिन्होंने भरपूर मांग की उम्मीद में तैयारी की थी । लगाईं गई पूंजी की वापसी कैसे कर पाएंगे? यह सवाल अब यक्ष प्रश्न बन कर सामने खड़ा है ।

सिर्फ 2 माह
नवम्बर माह से शुरु हुआ ओल्ड जूट बैग का बाजार अब अंतिम दौर में है। यह इसलिए क्योकि सीजन के शुरुआती दिनों वाली कीमत इसमें आ चुकी है। घर वापसी की सम्भावना के बीच पैबंद लगा बारदाना 12, रफू 15 और फ्रेश जूट बैग 20 रूपए जैसी स्थिति पर आ चुका है।

मांग लगभग शून्य
ओल्ड जूट बैग तो फिर भी थोड़ी बहुत मांग में है लेकिन प्लास्टिक की बोरियां लगभग शून्य अवस्था में आ चुकी है। 9 से 10 रूपए जैसी निचली दर पर भी मांग नहीं निकलता देख कर बड़ी दुकानों के साथ स्ट्रीट काउंटरों ने भी प्लास्टिक बैग के बण्डल भंडार गृहों में रखना चालू कर दिया है।

नई खरीदी पर ब्रेक
ओल्ड जूट बैग कारोबारियों ने नई खरीदी पर पूरी तरह रोक लगा दी है और शेष रह गए बारदाने भंडार गृह में रखे जाने का काम चालू कर दिया है ताकि रबी फसल के दिनों की मांग के दौरान बचे बारदानों की बिक्री करके लगाईं गई पूंजी की वापसी सुनिश्चित की जा सके।