35-35 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया
पीड़ितों में दो नाबालिग
बलरामपुर। तालाब में मछली मारने पर नाराज दबंगों ने आदिवासी युवकों को पेड़ से बांधकर डंडे, लात और घूसों से पहले जमकर पीटा। इसके 35-35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसे 15 दिन में सरपंच पति के पास जमा करना है। बर्बरता के शिकार हुए आदिवासियों में 15-15 साल के दो बच्चें भी हैं। वही पुलिस शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने की बात कह रही है।
जानकारी के मुताबिक,घटना त्रिकुंडा थाना क्षेत्र में डिडो चौकी क्षेत्र के रामचंद्रपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत चेरा में पंडो जनजाति के 8 युवकों देवरूप पंडो (30), राजकुमार पंडो (22), राजबली पंडो (35), रामधनी पंडो (35), लाल बिहारी पंडो (15), सुरेश पंडो (15), मंधारी पंडो (30) और पुरूक पंडो (20) को उनके घर से 16 जून को आरोपी सरपंच पति सत्यम यादव, जितेंद्र प्रताप यादव उर्फ जेपी यादव, चंद्रिका प्रसाद यादव, बंशीधर यादव, बासदेव यादव, आलोक यादव, जितेंद्र यादव, जय प्रकाश यादव उर्फ नान्हू यादव, उमेश यादव, बैजनाथ यादव, नंदलाल यादव, जमुना यादव, प्रदीप यादव, राजकुमार यादव जबरदस्ती उठाकर ले गए। उन्हें मुर्गी फार्म के पास बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान एक-एक कर उन्हें पेड़ से बांधकर डंडे से पीटा गया। विरोध करने पर गालियां दी गईं और बेल्ट से हाथ बांधकर जमीन में लिटाकर लात व डंडे से पीटा गया। पीड़ितों का आरोप है कि चेरा के सरपंच पति सत्यम यादव, जितेंद्र प्रताप यादव उर्फ जेपी यादव और जय प्रकाश यादव ने खुद भी आदिवासी युवकों को पीटा। इसके बाद अन्य लोगों से भी उनकी पिटाई करवाई। देर रात तक उन्हें बंधक बना कर रखा गया था। सभी को 35-35 हजार रुपए जुर्माना जमा करने का फरमान भी सुनाया गया है। कुछ परिवार ने डर से रुपए जमा भी कर दिया है। सभी को धमकी दी गई है कि थाने में शिकायत करने पर और सजा दी जाएगी।
पीड़ितों पर सरकारी तालाब से मछली चोरी करने का लगाया आरोप
गांव में एक सरकारी तालाब है। जहां गांव के दबंग मछली पालन कर रहे थे। आरोपियों को शक है कि आदिवासियों ने वहां से मछली मारी थी। जिसके बाद उसे खा रहे थे। घटना के बाद भयभीत पीड़ितों ने मामले की शिकायत थाने में नहीं की है वही पुलिस शिकायत मिलते पर कार्रवाई की बात कह रही है.