कृषि महाविद्यालय में मनाया गया अक्ती तिहार


बिलासपुर । अक्षय तृतीया को अक्ती तिहार के रूप में मनाते हैं। यह दिन हमारी संस्कृति के साथ-साथ हमारी कृषि परंपरा में भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज से ही नई फसल के लिए तैयारी शुरू हो जाती है। यह बात डॉ. आर.के.एस. तिवारी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर ने अक्ती तिहार पर कही।

अधिष्ठाता डॉ. तिवारी ने कहा हमारे पूर्वजों ने इस त्यौहार को धरती माता से जोड़ा है। उनका संदेश यही था कि हमारे जीवन का मूल यही माटी है। इसे हमेशा जीवंत मानते हुए उसका आदर सम्मान करना चाहिए । राज्य के समस्त अन्नदाता कृषक बंधुओं को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ तभी है जब वह किसानों के खेतों तक पहुंचे। आपने किसानों को परंपरागत खेती को बढ़ावा दिए जाने और अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा की ओर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया।


कृषि महाविद्यालय में अक्ती तिहार के अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. आर.के. एस. तिवारी व कर्मचारियों ने प्रक्षेत्र में पारंपरिक पूजा कर प्रक्षेत्र में बीजों की बुवाई की। इस महा अभियान के माध्यम से रासायनिक खादों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के अधिकारी, प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारी, छात्र- छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

By MIG