वर्मी कम्पोस्ट की भीग गई बोरियां

भाटापारा। अंदेशा सही निकला। आखिरकार सहकारी समिति भवन की छत देर रात भरभराकर गिर गई।मंगलवार की अर्धरात्रि में हुए इस हादसे में रासायनिक एवं वर्मी कंपोस्ट खाद को नुकसान पहुंचने की खबर है।

बीते तीन दिन से हो रही बारिश से ऐसे भवनों पर खतरा मंडराने लगा है जो, या तो जर्जर हो चले है या आधे-अधूरे में ही छोड़ दिए गए है।अंचल में पहली ऐसी घटना 15 किलोमीटर दूर ग्राम सिंगारपुर में हुई जहां की सहकारी समिति भवन की छत मंगलवार की देर रात गिर गई। सुबह जानकारी के बाद पूरा कार्यालय अन्य भवन में स्थानंतरित किए जाने का काम ग्रामीणों की मदद से किया जा रहा है।

ऐसा है पुराना भवन

दो कमरे और एक बरामदा। एक कमरे में कार्यालयीन कामकाज होता है तो दूसरे कमरे का उर्वरक गोदाम के रूप में उपयोग किया जाता है। इसी कमरे में खाली बारदाने और तिरपाल रखे जाते हैं। जिनका उपयोग धान खरीदी के दिनों में होता है। खबरों के मुताबिक इसी कमरे की छत देर रात गिर गई। जिससे रखी हुई सामग्री भीग गई।

दी थी स्थिति की जानकारी

प्राथमिक साख सहकारी समिति ने मुख्यालय को बारिश के पूर्व ही भवन के जर्जर होने की जानकारी दी थी लेकिन सहयोगात्मक रुख नही देखा गया। लिहाजा छिटपुट मरम्मत के बाद कामकाज पुराने भवन से ही किया जाने लगा। गनीमत यह रही कि घटना देर रात हुईं।

कर रहे व्यवस्था

सीजन के दिन हैं। इसलिए पंचायत की मदद से अस्थाई व्यवस्था के तहत् पंचायत के एक भवन में इंतजाम किया जा रहा है। गोपाल साहू ने बताया कि क्षतिग्रस्त भवन में अब कामकाज नहीं किए जाएंगे।मुख्यालय को जानकारी भेजकर दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।

यहां कभी भी हादसा

शहीद वीरनारायण सिंह कृषक सेवा केन्द्र भाटापारा। यहां का हाल भी बदतर है। दरकती दीवारों के सहारे टिकी छत, कभी भी धराशायी हो सकती है। सूचना के बावजूद मुख्यालय ने मौन साध रखा है।यह स्थिति जानलेवा ही साबित होने की प्रबल आशंका की वजह बन रही है।