पूरे साल खिलता है लाल फूल, इसलिए ‘नंदी फ्लेम ट्री’

पेट संबंधी बीमारियों में इसकी छाल है कारगर

सतीश अग्रवाल

बिलासपुर। स्थितियों का साथ मिला, तो पहली बार ‘नंदी फ्लेम ट्री’ याने रगतूरा का पौधा नर्सरियों से खरीदा जा सकेगा। ढेरों विशेषताओं के बीच सबसे बड़ी खूबी यह है कि रगतूरा के वयस्क वृक्ष में पूरे साल गहरे लाल रंग के फूल लगते हैं। यही वजह है कि रोड साइड प्लांटेशन में इसे प्रमुखता मिल रही है।

असल नाम है ‘स्पैथोडिया कैम्पानुलता’। पहचाना जाता है अपने देश में ‘रगतूरा’ के नाम से। सिटी से मेट्रो सिटी बनने की राह में चल रहे शहरों में रोड साइड प्लांटेशन में पेड़ों की जिन प्रजातियों को पहचान और जगह मिल रही है, उसमें रगतूरा को विशिष्ट इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसमें हरियाली और रौनक पूरे साल बनी रहती है। इसके अलावा छाल में महत्वपूर्ण औषधिय गुणों की पहचान हुई है।

पूरे साल पुष्पन

रगतूरा के नाम से पहचाना जाने वाला यह वृक्ष पूरे साल फूल देता है। सुर्ख लाल रंग के फूलों की वजह से यह ‘नंदी फ्लेम ट्री” के नाम से भी जाना जाता है। यही गुण इसे रोड साइड प्लांटेशन में प्राथमिकता दिला रहा है। सिटी से मेट्रो सिटी में जगह पक्की करने के बाद रगतूरा के कदम स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ चुके हैं। यहां यह प्रजाति निजी क्षेत्र की नर्सरियों के माध्यम से पहुंचेगी।

ऐसी भूमि में बेहतर ग्रोथ

सभी प्रकार की भूमि में यह लगाया जा सकता है लेकिन प्राकृतिक प्रजनन के बाद घास की स्थिर भूमि में बेहतर बढ़वार लेता है। बीज से पौधे तैयार किए जाने के उपरांत रोड साइड प्लांटेशन में अच्छी ग्रोथ लेती है, रगतूरा की यह प्रजाति। यही वजह है कि गार्डन में भी इसके लिए स्थान आरक्षित रखा जा रहा है।

छाल बेहद महत्वपूर्ण

रगतूरा की छाल में औषधिय गुणों की पहचान हुई है। आंतरिक छाल भी कई बीमारी दूर करने के लिए मददगार मानी गई है। अल्सर, पेचिश, गुर्दे की बीमारी को दूर करने के लिए सेवन को लाभदायक माना गया है। इसके अलावा त्वचा पर चकत्ते को भी दूर करती है इसकी छाल। इसलिए औषधि निर्माता कंपनियां छाल की खरीदी कर रहीं हैं।

जानिए रगतूरा को

रगतूरा का पूर्ण वयस्क वृक्ष 22 मीटर तक ऊंचा होता है। चौड़ी शाखा वाली यह प्रजाति, फूल और पत्तियों के साथ पूरे साल सदाबहार रहती है। फूलों का आकार 9 सेंटीमीटर लंबा और 6 सेंटीमीटर चौड़ा होता है। परिपक्व फलों से निकलने वाले इसके बीज 1.2 सेंटीमीटर से लेकर 2.4 सेंटीमीटर के होते हैं। इसके जरिए ही नए पौधे तैयार किए जाते हैं।

बंजर भूमि सुधार में उपयोगी

रगतूरा एक सदाबहार वृक्ष है। तेजी से बढ़ने के कारण बंजर भूमि सुधार में मदद करता है। इसकी हल्की भूरी- सफेद लकड़ी का उपयोग नक्काशी और ढोल बनाने के लिए किया जाता है।

अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर