विकल्प बन रही खंडा दाल
भाटापारा। क्रय शक्ति के भीतर है इस दाल की कीमत। इसलिए मांग आहिस्ता-आहिस्ता बढ़त लेती नजर आती है खंडा अरहर दाल की। शॉर्टेज की स्थिति नहीं बने, इसके लिए पड़ोसी राज्यों से खरीदी बढ़ाए जाने के प्रयास की खबर आ रही है।
कमजोर हो चुकी दलहन की फसल। आयातीत दलहन की आसमान छूती कीमतें। यह दो ऐसे प्रमुख घटक हैं जिसकी वजह से, प्रदेश की दाल मिलें संकट में आ चुकी हैं। असर बाजार पर देखा जा रहा है, जहां अरहर की दाल 130 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंच गई है। ऐसे में बेहतर विकल्प बन रही है अरहर की खंडा दाल। जिसकी कीमत 85 से 90 रुपए के बीच बोली जा रही है। गुणवत्ता बेहतर है, इसलिए खरीदी बढ़ती नजर आती है।

इसलिए यह दाल
अरहर की दाल 130 रुपए किलो। खरीदी झटके से नीचे आ रही है। ऐसे में अरहर का खंडा दाल बेहतर विकल्प बन रहा है। दाने भले ही छोटे हैं लेकिन गुणवत्ता कायम है। कीमत भी 85 से 90 रुपए किलो के बीच बोली जा रही है। इसलिए बाजार में मांग का प्रवाह इसकी ओर जाता देखा जा रहा है।

बढ़ा रहे आपूर्ति
रिटेल काउंटर से पहुंच रही जानकारी को देखते हुए होलसेल काउंटरों ने आपूर्ति लाइन मजबूत करने के प्रयास चालू कर दिए हैं। खंडा दाल की आपूर्ति करने वाली मिलों और राज्यों को, मांग के अनुरूप मात्रा बढ़ाने के लिए कहा जा रहा है। जवाब में मिल रहे संदेश सकारात्मक हैं।

यह भी खूब
मिक्स दाल याने “मिंझरा दाल” भी मांग में नजर आ रहा है। दलहन की सभी प्रजातियों के दाने वाली यह दाल 70 से 100 रुपए किलो की कीमत में विक्रय की जा रही है। चना दाल का खंडा 40 से 45 रुपए किलो पर उपलब्ध है। उड़द, मूंग और तीवरा खंडा की पूरी खरीदी पशु आहार बनाने वाली इकाईयां कर रहीं हैं।