अब डेढ़ लाख जांच का लक्ष्य निर्धारित किया

बिलासपुर। सिम्स की वायरोलॉजी लेब ने एक नई उपलब्धि प्राप्त का लिया है। महज पांच महीने में लेब ने एक लाख कोरोना जांच कर कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही जंग में नया उदाहरण पेश किया है।
कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है। जिस गति से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे संक्रमण की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट की संख्या भी बढ़ रही है। बिलासपुर सिम्स माइक्रोबायोलॉजी के वैरोलॉजी कोविड टेस्टिंग लैब में डॉक्टर सागरिका प्रधान की अगुवाई में डॉक्टर रेखा गोनाडे और डॉक्टर एकता अग्रवाल की दिशा निर्देशन पर 21 जनवरी को आरटीपीसीआर पद्धति से एक लाख नमूने की जांच पूर्ण कर लिया गया है। ये जानकारी बिलासपुर सिम्स प्रबंधन के डॉक्टर सागरिका प्रधान के द्वारा जानकारी प्रदान किया गया। जिस गति से कोरोना नमूने की जांच हो रहा है ऐसे ही होता रहा तो भविष्य में जल्द ही एक लाख 50000 कोरोना नमूने की संख्या प्राप्त कर लिया जाएगा। एक लाख की संख्या पूर्ण करने में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट प्रमुख डॉक्टर सागरिका प्रधान, सीनियर डॉक्टर रेखा गोनाडे , और डॉक्टर एकता अग्रवाल , सभी साइंटिस्ट , लैब टेक्नीशियन , लैब अटेंडेंट , कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ सभी वैरोलॉजी विभाग के सभी कर्मचारी की दिन रात की मेहनत का विशेष योगदान रहा , साथ में सिम्स प्रबंधन, डिन डॉक्टर तृप्ति नागरिया, हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर पुनीत भारद्वाज , कॉरोना नोडल अधिकारी डॉक्टर आरती पांडे , समन्वयक डॉक्टर सुजीत नायक एवम् समस्त चिकित्सक व सिम्स हॉस्पिटल स्टाफ का विशेष योगदान रहा है।
0 जांच के दरमियान कई आए चपेट में
ऐसा नहीं कि इस उपलब्धि को आसानी से पा लिया गया है। इसके लिए माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर, अधिकारी, लेब टेक्नीशियन को दिन रात मेहनत करना पड़ा है। इस दौरान डिपार्टमेंट के 10 से ज्यादा कोरोना के चपेट में आए हैं। इसके बाद भी जांच अनवरत चलता रहा है। सिम्स के वायरोलॉजी लैब ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आरटीपीसीआर पद्धति से एक लाख कोरोना नमूने की जांच पूरी कर ली गई है। अब डेढ़ लाख जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।