नहीं होती इस आहार की जांच

मिट्टी और कंकड़ से भरे हुए हैं पशु आहार



बिलासपुर। कभी नहीं होती पशु आहार की जांच। यही वजह है कि खराब हो चुका कोढ़ा और उड़द चूनी धड़ल्ले से बेची जा रही है। पशुपालक और डेयरियां परेशान है क्योंकि निगरानी तंत्र ढह चुका है। ऐसे में किससे करें शिकायत?

खाद्य एवं पेय पदार्थो की जांच की बातें तो खूब सुनी। देखा भी जाता रहा लेकिन पशु आहार की जांच होने की बात कभी नहीं सुनी गई। देखना तो दूर की बात है। ताजा जानकारी इसलिए गंभीर मानी जा रही है क्योंकि कोढ़ा और उड़द की चूनी की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसी ही शिकायत भूंसी में भी आने की खबरें आ रही हैं।

इसलिए शिकायत

हरा चारा के दिन गए। समय है सूखे पशु आहार का। मांग का दबाव बनने लगा है। इसलिए मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा पशु आहार का बाजार, पुराना हो चुका पशु आहार बेच रहा है। इकाइयों के लिए मौका है स्टॉक क्लियर करनें की जो बारिश के दिनों में मांग नहीं होने से रुका हुआ था।

मिट्टी खूब

पशु आहार में उड़द पाउडर का उपयोग बहुतायत से होता है। दानें निकाले जाने के बाद बचे अवशेष का रंग काला होता है, इसलिए स्वच्छता को लेकर यूनिटें ध्यान नहीं देतीं। यही वजह है कि इसमें मिट्टी की मात्रा अच्छी- खासी रह जाती है। यह पशु आहार के रूप में पहुंच रही है।

कोढ़ा में भी लापरवाही

पशु आहार में सबसे ज्यादा मांग वाले कोढ़ा में भी कमजोर गुणवत्ता की जानकारियां आ रही हैं। अस्वच्छ माहौल में किया गया कोढ़े का भंडारण कमजोर गुणवत्ता वाला माना जा रहा है। मिट्टी और डस्ट तो है ही। मवेशी पालक और डेयरियों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि सुनने वाला कोई नहीं है।

आहार छोड़ रहे मवेशी

निम्न गुणवत्ता वाला पशु आहार मवेशियों का स्वास्थ्य खराब कर रहा है। पेचिश, दस्त, अपच और पेट फूलने जैसी स्वास्थ्यगत परेशानियों के बीच आहार आधे में ही छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं मवेशी। यह देखकर मवेशी पालक परेशान होते नजर आ रहे हैं। है कोई जो जांच करेगा ?