निर्माण एजेंसियों को मिली राहत
भाटापारा। ट्रेड और नॉन ट्रेड सीमेंट। शायद यह पहला मौका है जब दोनों की दर एक समान स्तर पर आ चुकी है। यह राहत है ऐसी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए, जो सरकारी निर्माण कार्यो में जुटी हुई है। वजह यह है कि बाजार द्वारा दी जाने वाली कारोबारी सुविधाएं सहज ही उपलब्ध हो पाएंगी। क्या यह स्थिति निर्माण कार्यो की गति को बढ़ाने में मदद करेगी।
निर्माण सामग्रियों की बढ़ती कीमत के बीच निर्माण एजेंसियों के लिए राहत की खबर। ट्रेड और नॉन ट्रेड सीमेंट की दर, पहली बार एक जैसी स्थिति में आ गई है। संक्रमण के दौर ने पहला झटका दिया। इसके बाद बारी थी निर्माण सामग्रियों की कीमतों का लगातार बढ़ते जाना। इससे पुल- पुलिया, सड़क और भवन निर्माण जैसे शासकीय कार्यों पर ब्रेक सा लग गया |
पहली बार एक जैसी
निर्माण गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहें, इसके लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों को सीमेंट उत्पादक इकाइयों से नॉन ट्रेड सीमेंट की सुविधा मिलती है। कीमत ओपन मार्केट में मिलने वाली सीमेंट से 35 रुपए से 40 रुपए कम रहती थी लेकिन बड़ा पेंच यह है कि चाही गई मात्रा का भुगतान, अग्रिम में करना होता है। दूसरा यह कि इसके पहले कंपनी द्वारा तय की गई मात्रा से कम उठाव की सुविधा नहीं है। मजबूरी थी, इसलिए यह शर्त माननी पड़ती है। पहली बार ओपन मार्केट की सीमेंट और नॉन ट्रेड सीमेंट की कीमत एक समान होने से कंस्ट्रक्शन कंपनियां स्वतंत्र होंगी सीमेंट की खरीदी के लिए।
मिलेगी यह राहत
ट्रेड और नॉन ट्रेड सीमेंट की कीमत एक समान होने के बाद अब कंपनियां ना केवल एडवांस पेमेंट और तय मात्रा की शर्त से मुक्त होंगी बल्कि बाजार से मिलने वाले भुगतान के दिनों की सुविधा भी उठा सकेंगी। सीमेंट बाजार की ताजा स्थितियां कितने दिन बरकरार रहेंगी ? जैसी सोच के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनियों से अच्छी खरीदी की धारणा लेकर चल रहा है, ओपन सीमेंट मार्केट।
क्या बढ़ेगी गति निर्माण कार्यों की
कंस्ट्रक्शन कंपनियों का मानना है कि ट्रेड और नॉन ट्रेड सीमेंट की कीमत एक जैसी स्थितियों में आने के बाद सुस्त निर्माण कार्यों को क्या गति मिल सकेगी और तय समय पर चल रहे काम पूरे किए जा सकेंगे। बताते चलें कि इस नई स्थिति के बाद दोनों स्तर की सीमेंट 270 रुपए प्रति बोरी की दर पर आ चुकी हैं।