खाद्य तेल पहुंच के बाहर
भाटापारा। 2350 से 2500 रुपए प्रति टीन। उस खाद्य तेल की कीमत है, जो गुरुवार की सुबह तक 2150 से 2300 रुपए टीन की दर पर बिक रहा था। हैरत में डालने वाली इस उछाल ने ना केवल तेल बाजार को हलकान कर दिया है बल्कि आम उपभोक्ता की जेब पर भी गहरे तक असर डालने का काम किया है, जोकि महीने की खरीदी में कुछ ही दिन बाद करने वाला हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का असर इतनी तेजी से पड़ेगा, इसका अंदाजा खाद्य तेल बाजार को जरा भी नहीं था। खबरों को लेकर उत्सुकता के बीच दोपहर बाद खाद्य तेल ने जैसी छलांग लगाई वह स्टॉकिस्टों को तो अच्छा लाभ पहुंचाएगा लेकिन उस उपभोक्ता के लिए गहरी चोट है, जो महीने की खरीदी के लिए सूची बना रहा है। इसके अलावा होली और बाद में शुरू हो रहे त्यौहारों पर भी असर पड़ेगा।
पहले और अब
सोयाबीन, राइस ब्रॉन जैसे चलन में रहने वाले खाद्य तेल 1900 से 2100 रुपए प्रति टीन पर बिक रहे थे। गुरुवार की सुबह तेजी के हालात बनते ही दोपहर बाद बाजार ने छलांग लगाई और यह 2350 से 2500 रुपए टीन पर पहुंच गई। फल्ली तेल में नई कीमत 2800 रुपए टीन बताई गई। 1700 से 1800 रुपए टीन पर मिल रहे पामोलिन की नई कीमत 2200 रुपए टीन बोली जा रही है। पाउच पैक में भी 10 रुपए की तेजी की खबर है।
असर इस पर
पहला असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो महीने की खरीदी की तैयारी कर रहे हैं। दूसरा प्रभाव होली जैसे त्यौहार पर दिखाई दे सकता है। शादी-ब्याह भी चल रहे हैं। इस पर भी यह महंगाई भारी पड़ेगी। बाद के दिनों में आने वाले त्यौहारों पर भी दीर्घकाल असर देखा जा सकेगा।धारणा आगे की
धारणा आगे की
रूस और यूक्रेन के बीच जंग के चलने वाले दिन तो तय करेंगे ही कि तेजी कितने दिनों तक बनी रहेगी लेकिन तेल बाजार हाल के दिनों में इस धारणा से इनकार कर रहा है और कह रहा है कि मंदी के दिन जल्द नहीं आने वाले क्योंकि उपभोक्ता मांग से नई कीमत पर ही बाजार को खरीदी करनी होगी।