आयात के रास्ते बंद, घरेलू बाजार में आई तेजी
बिलासपुर । रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बाद घरेलू बाजार में सनफ्लावर ऑयल और जौ की कीमत में तेजी आने लगी है क्योंकि देश की घरेलू मांग की आपूर्ति इन्हीं दोनों देश से सुनिश्चित की जाती है। आयात बंद होने की स्थिति में देश में मांग और आपूर्ति के बीच गहरा अंतर आने वाले दिनों में देखा जा सकता है।
जैविक आहार के रूप में जौ का सेवन करने वाले उपभोक्ता कृपया ध्यान दें…, खरीदी की तैयारी के पहले अतिरिक्त रकम लेकर निकलें क्योंकि अब यह किलो पीछे 5 से 10 रुपए महंगे में ही मिलेगा। बेकरी आइटम बनाने वाली इकाइयों को सनफ्लॉवर की खरीदी तेजी में करनी होगी क्योंकि इसका भी आयात बंद हो चुका है। ऐसे में यह भी गर्म होने लगा है। बताते चलें कि पर्व और त्यौहार के सीजन की मांग ने बाजार में दस्तक दे दी है।
नजर आयात पर
जौ के लिए घरेलू जरूरतें, यूक्रेन से आने वाले उत्पादन से ही पूरी होती है। मांग का 70 फ़ीसदी हिस्सेदारी रखने वाले यूक्रेन में जैसी स्थितियां बनी हुई है उसके बाद आयात के सारे रास्ते बंद हैं। इसलिए घरेलू बाजार पर असर, कीमत में वृद्धि के रूप में दिखाई दे रहा है। युद्ध के दिन बढ़ने के साथ कीमत भी बढ़ने के आसार बन चुके हैं। फिलहाल घरेलू बाजार में इसकी कीमत 35 से 40 रुपए किलो बोली जा रही है। युद्ध के पहले तक यह 25 से 30 रुपए किलो पर मिल रहा था।
खड़े हैं सनफ्लॉवर के जहाज
देश की कुल जरूरत के 75 फ़ीसदी मांग को पूरा करता हैं यूक्रेन। विकट स्थितियों के पहले भारत के लिए सनफ्लॉवर ऑयल से भरे जहाज को ऐन वक्त पर रोक दिया गया। संकट के पहले तनाव की स्थितियों को देखते हुए देश में 100 दिन का स्टॉक किया जा चुका था, इसलिए शॉर्टेज जैसी स्थिति नहीं है लेकिन सीजन की मांग के दबाव के बीच, अब इसमें भी तेजी आ चुकी है। इसके बाद बुधवार की शाम तक 2400 रुपए टीन पर मिल रहा सनफ्लॉवर शनिवार सुबह 2500 रुपए टीन पर पहुंच चुका है।
स्थिति उहापोह की
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बाद घरेलू बाजार में स्थिति उहापोह की बनी हुई है। खाद्य तेलों की सभी किस्मों में आई तेजी से उपभोक्ता मांग अब घटते क्रम पर है। वह भी ऐसे समय में जब पर्व और त्यौहार के साथ शादियों की तारीखें साथ-साथ आ रहीं हैं।