सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से बंदिश

एक झटके में कीमत में पचास फीसदी गिरावट

बिलासपुर। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सख्त तेवर के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक का बाजार तेजी से गिर रहा है। 50 फ़ीसदी गिरावट के बाद, अब होलसेल मार्केट से उत्पादक इकाइयों को आर्डर का दिया जाना लगभग बंद होता जा रहा है। रिटेल मार्केट भी तेजी से स्टॉक खाली करने के प्रयास में हैं।

पर्यावरण के लिए खतरा बन रहे प्लास्टिक पर अब सख्ती का बरतना चालू हो चुका है। निपटान में आ रही दिक्कत को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी राज्यों को 30 जून तक का समय देते हुए सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उत्पादन, भंडारण, परिवहन और विक्रय पर नियंत्रण लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि 1 जुलाई से इसके हर चरण पर प्रतिबंध के आदेश को प्रभावी किया जा सके। बोर्ड के कड़े नियम के बाद बाजार में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट का आना दर्ज किया जा रहा है।

इसलिए बंदिश

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने अनुसंधान में यह पाया है कि 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक वेस्ट, ना तो नष्ट होते हैं, ना इनका निपटान पूरी तरह से किया जाना संभव है। ऐसे में यह वेस्ट, भूमि और जल को प्रदूषित करते हैं। इसके अलावा यह जलीय जंतुओं के लिए भी बड़ा खतरा है। इसलिए उत्पादन और बिक्री का बंद किया जाना ही एकमात्र प्रयास है।

50 फ़ीसदी टूटा बाजार

बोर्ड के सख्त तेवर को देखते हुए रिटेल मार्केट ने तेजी से ऐसी सामग्रियों की बिक्री कम करनी चालू कर दी है, तो होलसेल काउंटरों ने यूनिटों को दिए जाने वाले ऑर्डर में 50 फ़ीसदी की कटौती कर दी है। इससे यूनिटों में भी उत्पादन कम होने लगा है। मालूम हो कि सिंगल यूज प्लास्टिक की सामग्रियों का उत्पादन महाराष्ट्र और गुजरात में सबसे ज्यादा किया जाता है।

यह होंगे तुरंत बंद

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के बाद 1 जुलाई से प्लास्टिक स्टिक के ईअर बड्स, प्लास्टिक स्टिक, झंडे, आइसक्रीम स्टिक, थर्मोकोल, प्लास्टिक के कप, प्लेट थालियां, चम्मच, चाकू, प्लास्टिक के निमंत्रण कार्ड, मिठाई के डिब्बों के ऊपर लगने वाला प्लास्टिक पेपर, स्ट्रॉ और ट्रे का उत्पादन और विक्रय तो बंद होगा ही, साथ ही 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के कैरी बैग भी ना बनाए जा सकेंगे, ना विक्रय किए जा सकेंगे।

उल्लंघन पर यह कार्रवाई

1 जुलाई से प्रभावी होने जा रहे इस नियम का उल्लंघन किया जाना पाया गया तो उत्पादकों, स्टॉकिस्टो और बिक्री करने वाली संस्थानों पर बोर्ड के नियम के अनुसार भारी आर्थिक जुर्माना और संस्थान को सीलबंद किए जाने जैसी सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।