कीमत बढ़ने से सांसत में पशु पालक और डेयरियां

हरा चारा समाप्त , मांग का प्रवाह सूखा चारा की ओर

बिलासपुर। हरा चारा की उपलब्धता खत्म हो रही है। अनुपात में सूखा चारा की कीमत तेजी लेने लगी है। हलाकान और परेशान करने वाली स्थिति यह है कि सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाला कोढ़ा, 100 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 850 से 900 रुपए क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया है।

खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी के बाद, अब पशु आहार में गर्मी आने लगी है क्योंकि मैदानों और खेतों से हरियाली गायब होने की स्थिति में है। थोड़ा बहुत हरा चारा खेत की मेड़ों में ही बचा हुआ है लेकिन उनसे लंबे दिनों तक साथ निभाने की उम्मीद नहीं है, लिहाजा पशुपालकों की मांग सूखा पशु आहार में निकलती नजर आ रही है। सबसे ज्यादा मांग कोढ़ा में ही है क्योंकि उपलब्ध पशु आहार में अपेक्षाकृत यह अभी भी क्रय शक्ति के भीतर ही है।

हरियाली हो रही गायब

बसंत ऋतु के आगमन से ग्रीष्म ऋतु के आने का संकेत मिलने लगा है। ऐसे में खेत और मैदानों की हरियाली तेजी से खत्म होने लगी है। लगभग अंतिम चरण में पहुंचती इस स्थिति के बाद अब पशुपालकों का रुख, सूखा चारा बेचने वाली संस्थानों की ओर है, जहां महंगे होते पशु आहार इंतजार कर रहे हैं, लेकिन खरीदी जरूरी है इसलिए क्रय किए जाने का क्रम चालू हो चुका है।

दूध उत्पादन पर असर

हरा चारा की कमजोर होती उपलब्धता और सूखा चारा की सीमित मात्रा में खरीदी के बाद, दूध उत्पादन ने कमी के संकेत मिलते नजर आने लगे हैं। उपभोक्ता मांग की स्थिति को देखते हुए मांग और आपूर्ति के बीच अंतर ना बढ़े, इसके लिए डेयरियों की खरीदी सूखा पशु आहार में बढ़त लेती नजर आती है तो, ग्वालों ने भी ऐसी संस्थानों की ओर कदम बढ़ा दिए हैं जहां यह उपलब्ध हैं।

कोढ़ा में आई गर्मी

डेयरियों और ग्वालों की मांग में कोढ़ा हमेशा से अव्वल नंबर पर रहता आया है। इसमें 100 रुपए की तेजी के बाद, नई कीमत 850 रुपए क्विंटल में बोली जा रही है। रफी में खरीदी 1400 रुपए क्विंटल की दर पर होने की खबर है। अरहर और चना पाउडर क्रमशः 1950 रुपए एवं 2400 रुपए क्विंटल पर पहुंच गई है। मूंग पाउडर में भाव 1700 रुपए और उड़द पाउडर में 1500 रुपए क्विंटल पर होना बताया जा रहा है। पोहा पाउडर में डिमांड कमजोर बनी हुई है, इसलिए यह 1800 रुपए क्विंटल पर स्थिर है।

पैरा 1500 रुपए

गौठानों के अस्तित्व में आने के बाद पैरा में पूछ-परख बढ़ने लगी है। खरीफ सत्र के अंतिम दिनों में 800 से 1000 रुपए ट्रॉली पर मिलने वाला पैरा, अब 1500 रुपए ट्रॉली में पहुंचा हुआ है। इसमें तेजी के संकेत लगातार मिल रहे हैं।